यूट्यूब ने पेश किया यूथ डिजिटल वेलबीइंग प्रोग्राम, आखिर यह कैसे काम करता है

 Youth Digital Wellbeing
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दुनियाभर में सबसे ज्यादा यूट्यूब पर वीडियोज और म्यूजिक सुना जाता है। वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म यूट्यूब जल्द ही उद्योग जगत के अग्रणी विशेषज्ञों के साथ मिलकर यूथ डिजिटल वेलबीइंग पहल की शुरुआत की है। इस पहल के जरिए वैश्विक स्तर पर उच्च गुणवत्ता वाला, उम्र-उपयुक्त कंटेंट तैयार करने की दिशा में काम किया जाएगा।

डिजिटल दुनिया में लोगों को जागरुक करना और जानकारी देने के लिए यूट्यूब काफी प्रयास करता रहता है। वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म यूट्यूब पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा यूज किया जाता है। हालिए में यूट्यूब ने यूथ डिजिटल वेलबीइंग प्रोग्राम पेश किया है। ऑनलाइन कंटेंट के माध्यम से युवाओं को शिक्षित करने, एंटरटेनमेंट देने और आपस में जोड़ने की शक्ति रखता है। इस सर्वोत्तम उपयोग करने के उद्देश्य से यूट्यूब ने बिजनस जगत के अग्रणी विशेषज्ञों के साथ मिलकर यूथ डिजिटल वेलबीइंग पहल की शुरुआत की है। इस पहल के जरिए वैश्विक स्तर पर उच्च गुणवत्ता वाला, उम्र-उपयुक्त कंटेंट तैयार करने की दिशा में काम किया जाएगा। ऐसा करने से यूथ के जीवन पर पॉजिटिव प्रभाव देखने को मिलेगा।

यूट्यूब ने ब्लॉगपोस्ट में लिखा- , "हम युवा उपयोगकर्ताओं के लिए ऑनलाइन कंटेंट के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा लक्ष्य केवल स्वस्थ और समृद्ध कंटेंट को बढ़ावा देना ही नहीं, बल्कि निम्न गुणवत्ता वाले कंटेंट की पहुंच को सीमित करना भी है। इस प्रयास में मीडिया साक्षरता (मीडिया लिटरेसी) और डिजिटल नागरिकता (डिजिटल सिटिजनशिप) को बढ़ावा देने वाले कंटेंट को प्राथमिकता दी जाएगी।"

युवाओं की सुरक्षा और डिजिटल भलाई होगी प्राथमिकता

यूट्यूब के सीईओ, नील मोहन ने कहा, "हमारे प्लेटफॉर्म पर युवाओं की भलाई सर्वोच्च प्राथमिकता है। 'यूथ डिजिटल वेलबीइंग' पहल हमारी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता का हिस्सा है। YouTube Kids और सुपरवाइज्ड एक्सपीरियंस जैसी सुविधाओं के साथ-साथ, हमने हाल ही में अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन के साथ मिलकर माता-पिता के लिए एक गाइड भी तैयार की है, जिससे वे अपने बच्चों के स्क्रीन टाइम को बेहतर तरीके से प्रबंधित कर सकें।"

ऑनलाइन खतरों के तहत सुरक्षा

- यूट्यूब पर कंटेंट और प्रोडक्ट डिजाइन को किशोरो और बच्चों की विकासात्मक  आवश्यकताओं के अनुसार तैयार किया जाता है। 

- सेक्सुअली एक्सप्लिसिट और ग्राफिक वायलेंस से संबंधित कंटेंट के लिए एज-लिमिट डिफॉल्ट सेटिंग्स लागू की जाएगी।

- मीडिया लिटरेसी और डिजिटल सिटिजनशिप को बढ़ावा देने के लिए पैरेंट्स के लिए शोध-आधारित संसाधन विकसित किए जाएंगे। 

- युवाओें के लिए हाई-क्वालिटी, एज-अप्रोप्रियट और मोटिवेशनल कंटेंट को बढ़ावा दिया जाएगा।

- स्क्रीन टाइम को मैनेज करेगा। टूल्स औऱ कंट्रोल्स उपलब्ध कराए जाएंगे।

- मेंटल हेल्थ से संबंधित संवेदनशील विषयों जैसे आत्महत्या और आत्म-हानि से संबंधित कंटेंट देखने पर यूथ की सहायता के लिए संसाधनों की ओर निर्देशित करता है। 

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