Chai Par Sameeksha: मुस्लिम ठेकेदारों को आरक्षण देना वोटबैंक के ठेके अपने नाम कराने की कोशिश है

प्रभासाक्षी के संपादक नीरज दुबे ने साफ तौर पर कहा कि तुष्टिकरण का कोई नया रिकार्ड बनाने की कोशिश कांग्रेस के सरकार कर्नाटक में कर रही है। कर्नाटक के कांग्रेस के घोषणा पत्र को याद कीजिए तो बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात हुई थी।
प्रभासाक्षी के साप्ताहिक कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में इस सप्ताह हमने कर्नाटक मुस्लिम आरक्षण, परिसीमन विवाद और दिल्ली को लेकर चर्चा की। हमेशा की तरह इस कार्यक्रम में मौजूद रहे प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे। उन्होंने कहा कि सिद्धारमैया की सरकार ने मुस्लिम ठेकेदारों को 4% का आरक्षण दिया है। कर्नाटक में जब विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे, उसके बाद पता चला था कि वहां के 85% मुसलमानों ने कांग्रेस का साथ दिया था। यही कारण है कि कांग्रेस लगातार उनको इनाम देने की कोशिश कर रही है। भले ही कांग्रेस ने किसी मुस्लिम को मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री नहीं बनाया, लेकिन अब उनके डिमांड को पूरी कर रही है। कांग्रेस सरकार आते ही पिछली भाजपा सरकार में जो मुसलमानों के आरक्षण को हटाया था, उसे वापस लाया गया। हिजाब से प्रतिबंध हटाए गए। तो कहीं ना कहीं कर्नाटक सरकार पूरी तरीके से तुष्टिकरण की राजनीति पर चल रही है।
नीरज दुबे ने साफ तौर पर कहा कि तुष्टिकरण का कोई नया रिकार्ड बनाने की कोशिश कांग्रेस के सरकार कर्नाटक में कर रही है। कर्नाटक के कांग्रेस के घोषणा पत्र को याद कीजिए तो बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात हुई थी। हालांकि, विवाद बढ़ा तब डीके शिवकुमार ने कहा था कि हम हनुमान जी की मंदिर बनाएंगे। डीके शिवाकुमार इस मामले में क्या कर रहे हैं, पता नहीं। एक ओर जहां आप तुष्टीकरण की राजनीति कर रहे हैं और दूसरी ओर आप आरती कर रहे हैं। इससे साफ तौर पर पता चल रहा है कि आप किस तरह की राजनीति करना चाह रहे हैं और जनता सब समझ रही है। उन्होंने कहा कि ठेकेदारी में चार प्रतिशत आरक्षण मिलेगा तो धर्म परिवर्तन को बढ़ावा मिल सकता है। भाजपा यही आरोप लगा रही है सिद्धारमैया ने संविधान की शपथ ली है। उन्हें संविधान के हिसाब से सबके लिए काम करना चाहिए। हालांकि सिद्धारमैया फिलहाल सिर्फ एक समुदाय को खुश करने की कोशिश में लगे हुए हैं।
इसे भी पढ़ें: मुस्लिम आरक्षण का मोह नहीं छोड़ पा रही है कांग्रेस
दिल्ली में अधिकारियों को लेकर एक बार फिर से विवाद शुरू हो गया है। इसी को लेकर हमने नीरज दुबे से सवाल पूछा कि क्या वाकई में अधिकारी दिल्ली में काम नहीं कर रहे हैं। इसके जवाब में नीरज दुबे ने कहा कि यह बात सही है कि दिल्ली में एक चुनी हुई सरकार और अधिकारियों के बीच लगातार तालमेल की कमी रही है। दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग का मामला एलजी के पास है। लेकिन जो अधिकारी आम आदमी पार्टी के प्रति थोड़ी सहानुभूति रखते थे, वहीं तमाम कार्यालय में थे। आज के समय में वही अधिकारी काम करने में आनाकानी कर रहे हैं। यही कारण है कि भाजपा ने सार्वजनिक तौर पर सख्ति दिखाइ और इसका असर आने वाले समय में जरूर देखने को मिलेगा।
परिसीमन विवाद को लेकर तमिलनाडु में एमके स्टालिन के नेतृत्व में हुई बैठक पर नीरज दुबे ने कहा कि यह कुछ नहीं बल्कि चुनाव को लेकर मुद्दे बनाए जा रहे हैं। तमिलनाडु में अगले साल चुनाव है। एमके स्टालिन ने उस तरीके का काम नहीं किया है। जो भी मुख्यमंत्री उस बैठक में शामिल हुए थे, सबके खिलाफ कोई ना कोई आरोप चल रहा है। जब गृह मंत्री अमित शाह लगातार कह रहे हैं कि किसी के साथ भेदभाव नहीं होगा, ऐसे में आप सिर्फ आरोप लगाने की राजनीति कर रहे हैं। अभी परिसीमन को लेकर कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। पहले तो जनसंख्या को लेकर कार्यवाही होगी। उसके बाद परिसीमन की बात होगी। लेकिन आप अभी से ही मुद्दा बनाने की कोशिश में है। एमके स्टालिन को लेकर भाजपा जबरदस्त तरीके से हमलावर है और उन् मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए एमके स्टालिन इस तरह की कवायत बता रहे हैं।
अन्य न्यूज़