माझी और साय महानदी जल विवाद के शांतिपूर्ण समाधान पर सहमत

महानदी जल विवाद तब पैदा हुआ, जब छत्तीसगढ़ ने महानदी के ऊपरी हिस्से में कई बैराज और चेक डैम बनाए, जिससे नदी के निचले हिस्से में पानी का मुक्त प्रवाह अवरुद्ध हो गया।
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और छत्तीसगढ़ के उनके समकक्ष विष्णु देव साय ने शनिवार को दोनों पड़ोसी राज्यों के बीच महानदी जल बंटवारा विवाद का शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने पर सहमति जताई। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है।
ओडिशा के दौरे पर आए साय ने यहां लोक सेवा भवन में माझी से मुलाकात की। ओडिशा के मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने महानदी जल विवाद मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करने और इसके शांतिपूर्ण समाधान का रास्ता खोजने पर सहमति जताई है।’’
माझी ने विश्व जल दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘महानदी को लेकर छत्तीसगढ़ के साथ विवाद है। आज छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा हुई। चूंकि, केंद्र, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में ‘ट्रिपल इंजन’ की सरकार है, इसलिए इस विवाद को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझा लिया जाएगा।’’
महानदी जल विवाद तब पैदा हुआ, जब छत्तीसगढ़ ने महानदी के ऊपरी हिस्से में कई बैराज और चेक डैम बनाए, जिससे नदी के निचले हिस्से में पानी का मुक्त प्रवाह अवरुद्ध हो गया। ओडिशा की शिकायत है कि नदी के ऊपरी छोर पर बैराज बनाए जाने के कारण महानदी में पानी का प्रवाह कम हो गया है, जिसके कारण यह गर्मियों में सूख जाती है।
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