No one Killed SSR: क्या अनसुलझा रह गया सुशांत सिंह राजपूत का केस? सुसाइड के वो चर्चित केस, जिसमें CBI नहीं दे सका कोई नतीजा

Sushant
ANI
अभिनय आकाश । Mar 24 2025 2:31PM

क्या हमारा सिस्टम उस आरोपी को नहीं पकड़ पाया। आज पांच साल बाद भी शायद सुशांत सिंह को न्याय नहीं मिल पाया। इसमें दो सवाल अगर हत्या है तो किसने की? अगर सुशांत सिंह ने खुद से अपनी जान दे दी है तो उन्होंने ऐसा क्यों किया? जांच हो गई, सब हो गया लेकिन इन दो सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिले।

सुशांत सिंह राजपूत जिनकी अपनी फैन फालोइंग थी। साथ में जो लोग क्रिकेट में महेंद्र सिंह धोनी को पसंद करते थे वो भी इनसे जुड़ गए। ऐसे में जब 14 जून 2020 को इस अभिनेता की मौत की खबर आई तो पूरा देश सहम गया। सबने एक सुर में कहा कि ये इंसान तो अपनी जान दे ही नहीं सकता। जरूर इसके पीछे कोई होगा। फिर उनकी एक्स रिया चक्रवर्ती का नाम आया। राजपूत के पिता की शिकायत के बाद सीबीआई ने केस को अपने हाथ में लिया। लेकिन अब सीबीआई ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट दे दी है। इसमें रिया को क्लीन चिट भी मिल गई है। किसी भी व्यक्ति को आरोपी नहीं बनाया गया है। इसे साधरण बताया गया। यानी सीबीआई ने अपनी तरफ से केस बंद कर दिया। लेकिन सवाल ये है कि आखिर कोई तो होगा। किसी ने तो परेशान किया होगा? कोई संस्था या फिर कोई आदमी। क्या हमारा सिस्टम उस आरोपी को नहीं पकड़ पाया। आज पांच साल बाद भी शायद सुशांत सिंह को न्याय नहीं मिल पाया। इसमें दो सवाल अगर हत्या है तो किसने की? अगर सुशांत सिंह ने खुद से अपनी जान दे दी है तो उन्होंने ऐसा क्यों किया? जांच हो गई, सब हो गया लेकिन इन दो सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिले। 

इसे भी पढ़ें: Rhea Chakraborty के वकील ने Sushant Singh Rajput मौत मामले में सीबीआई द्वारा दायर क्लोजर रिपोर्ट का किया स्वागत

सीबीआई ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट में क्या कहा है

सीबीआई ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट में कहा है कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत में किसी भी तरह की साजिश या फिर षड़यंत्र के सबूत नहीं मिले हैं। सीबीआई ने इसे खुद की जान देने का एक साधारण मामला बताया है। अगस्त 2020 में सुशांत सिंह के पिता केके सिंह की शिकायत के बाद सीबीआई ने ये जांच अपने हाथों में ले ली थी। सीबीआई ने ये क्लोजर रिपोर्ट दो अलग अलग मामलों में दायर की है। पहले मामले में सुशांत सिंह राजपूत के पिता केके सिंह ने पटना में शिकायत दर्ज कराई थी। इसी शिकायत में उन्होंने रिया चक्रवर्ती पर अपने बेटे सुशांत को जान देने के लिए उकसाने का आरोप लगाया था। वहीं दूसरे मामले में रिया चक्रवर्ती ने मुंबई में जवाबी एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसमें उन्होंने सुशांत की बहनों पर सुशांत को फर्जी मेडिकल प्रिसक्रिप्शन देने का आरोप लगाया था। केके सिंह के मामले में क्लोजर रिपोर्ट पटना की एक विशेष अदालत के सामने प्रस्तुत की गई। सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं मिला है कि सुशांत सिंह राजपूत को जान देने के लिए किसी न मजबूर किया था। एजेंसी ने दावा किया कि इस मामले में रिया चक्रवर्ती पर मुकदमा चलाने का कोई आधार नहीं है। वहीं रिया चक्रवर्ती के शिकायत के मामले में क्लोजर रिपोर्ट मुंबई की एक विशेष अदालत के सामने पेश की गई। इस रिपोर्ट में कहा गया कि सुशांत सिंह राजपूत को दिए गए मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन में कोई गड़बड़ी नहीं थी। 

केस की पूरी टाइमलाइन 

14 जून 2020: सुशांत सिंह राजपूत का शव उनके बांद्रा स्थित फ्लैट में मिला। 

15 जून 2020: पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण फांसी लगाने से दम घुटना बताया गया। 

28 जून से 10 जुलाई 2020: पुलिस ने रिया चक्रवर्ती, उनके परिवार, दोस्तों, स्टाफ और फिल्म इंडस्ट्री के करीब 40 लोगों से पूछताछ की। 

25 जुलाई 2020: सुशांत के पिता ने पटना (बिहार) में एफआईआर दर्ज करवाई। 

31 जुलाई 2020: रिया चक्रवर्ती ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर केस को मुंबई ट्रांसफर करने की मांग की। 

5 अगस्त 2020: भारत सरकार ने सीबीआई जांच की मंजूरी दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई ही मामले की जांच करेगी। 

26 अगस्त 2020: ईडी ने मनी लॉन्डिंग एंगल से जांच शुरू की। रिया और उनके परिवार की वित्तीय जांच शुरू हुई। 

28 अगस्त 2020: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने ड्रग एंगल की जांच शुरू की। 

4 सितंबर 2020: एनसीबी ने रिया के भाई शौविक चक्रवर्ती और सुशांत के हाउस मैनेजर सैमुअल मिरांडा को अरेस्ट किया। 

8 सितंबर 2020: एनसीबी ने रिया को गिरफ्तार किया। उन पर ड्रग्स खरीदने और इस्तेमाल करने के आरोप लगे। 

6 अक्टूबर 2020: एम्स दिल्ली की रिपोर्ट में हत्या की संभावना से इनकार किया गया और इसे आत्महत्या बताया गया। 

7 अक्टूबर 2020: रिया चक्रवर्ती को कोर्ट से जमानत मिली। 

2021-2024 (वर्तमान स्थिति): सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की। ईडी, और एनसीबी की जांच जारी है। 

इसे भी पढ़ें: सीबीआई ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में ‘क्लोजर रिपोर्ट’ दाखिल की: अधिकारी

फिर से तेज हुई राजनीति

बहरहाल, सुशांत सिंह राजपूत के पिता ने कहा है कि सीबीआई ने जांच में देरी की। उन्होंने सीबीआई की रिपोर्ट पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि जांच एजेंसी ने समय पर अपना काम नहीं किया। इस मामले में राजनीति जो होती आई है फिर से होने लगी है। बीजेपी विधायक राम कदम ने दावा किया है कि उद्धव ठाकरे ने पहले ही सीबीआई को केस दे दिया होता तो आज न्याय मिल जाता। जब सारे सबूत मिटा दिए जाएंगे और उनके नेता रिया के साथ प्रवक्ता बनकर खड़े रहेंगे तो ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है। सुशांत के घर का फर्नीचर हटा लिया। घर का रंग रोगन करा मूल मालिक को लौटा दिया। क्य़ा कारण है कि आज दिशा सालियान के पिता को लगता है कि उनकी बेटी को न्याय नहीं मिला। इन सारे मामलों के पीछे उद्धव ठाकरे सरकार और उनके करीबी लोगों को  बचाने का उद्देश्य था  संजय राउत ने कहा कि सीबीआई की रिपोर्ट से सब साफ हो गया है। ठाकरे परिवार को बदनाम करने के लिए षड़यंत्र रचा गया। बीजेपी अपने विरोधियों को बदनाम करने का कोई मौका नहीं छोड़ती है। पूरी घटना आत्महत्या से जुड़ी थी फिर भी बीजेपी ने मामले को बढ़ा-चढ़ाकर अपने विरोधियों के खिलाफ इस्तेमाल किया। 

सीबीआई का कन्विक्शन रेट

सीबीआई के कन्विक्शन रेट की जब भी बात आती है ये पांच में से तीन मामलों में ही किसी नतीजे तक पहुंच सकी है। 2016 में कन्विक्शन रेट 67% था। राज्यसभा में सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के मामलों में दोषसिद्धि की दर 2018 में 68 प्रतिशत से बढ़कर 2022 में 74.59 प्रतिशत हो गई है। सीबीआई की दोषसिद्धि दर 2018 में 68 प्रतिशत, 2019 में 69.19 प्रतिशत, 2020 में 69.83 प्रतिशत, 2021 में 67.56 प्रतिशत और 2022 में 74.59 प्रतिशत थी। हत्वपूर्ण बात यह है कि 2016 में सबसे कम 131 केस दर्ज हुए थे, जबकि 2017 में सबसे ज्यादा 926 केस। सीबीआई पर सरकारों का दबाव होने की बात नई नहीं है। सुप्रीम कोर्ट खुद इसकी तुलना पिंजरे में बंद तोते से कर चुका है। 

इन सुसाइड केसों में भी सीबीआई नहीं दे सका कोई नतीजा

जिया खान: ब्रिटिश-इंडियन एक्ट्रेस जिया खान को हम अमिताभ बच्चन की फिल्म निशब्द के लिए जानते हैं। 3 जून 2013 को उन्होंने जुहू स्थित घर के बेडरूम में सीलिंग फैन से फांसी लगा ली थी। इस मामले में भी मुंबई पुलिस पर जांच को भटकाने का आरोप लगा। उसकी मां राबिया खान का आरोप है कि जिया की हत्या हुई है। आखिर 2016 में जांच सीबीआई के हाथ में आई, लेकिन अब तक जांच किसी ठोस नतीजे तक नहीं पहुंच सकी है।

फातिमा लतीफ: फातिमा लतीफ आईआईटी मद्रास की 19 साल की स्टूडेंट थी जिसने पिछले साल कथित तौर पर सुसाइड कर लिया था। मद्रास हाईकोर्ट के आदेश पर जांच सीबीआई को मिली थी। लेकिन अब तक जांच चल ही रही है। फातिमा के परिवार का आरोप है कि आईआईटी फेकल्टी मेंबर उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे।

परवीन बाबी: बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस परवीन बाबी ने 2005 में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में भी सीबीआई ने जांच की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।

अब क्लोजर रिपोर्ट के बाद आगे क्या

बहरहाल, राजनीति का क्या हर मुद्दे पर हो जाती है या फिर मुद्दा बनाकर राजनीतिक कर दी जाती है। लेकिन अफसोस इस बात का है कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत की सही वजह या सही कारण हमें पता नहीं चल सका। पटना में बैठे उनके पिता केके सिंह न्याय के इंतजार में हैं। लेकिन सीबीआई की रिपोर्ट ये बताती है कि न्याय में अभी काफी देर है। वहीं सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट के जरिए किसी भी तरह के गलत काम के सबूत न होने की बात कही है। रिपोर्ट ने आरोपी रिया के लिए राहत का आधार तो बना दिया है। लेकिन वह आधार अथ अदालत की मंजूरी के अधीन है। यानी जब तक रिपोर्ट पर कोर्ट की मुहर नहीं लग जाती है तब तक आरोपी पर आरोपों की तलवार लटकती रहती है। कानून के जानकारों के मुताबिक, क्लोजर रिपोर्ट कानूनी तौर पर आरोपी को कोई क्लीन चिट नहीं होती है। यह सिर्फ केस की जांच का निष्कर्ष होती है। स्वीकार्यता कोर्ट की मंजूरी पर निर्भर करती है। सुशांत मामले में उनकी बहन शिकायतकर्ता हैं। लिहाजा अभी भी उनके पास अपनी बात रखने का मौका है। शिकायतकर्ता जांच से जुड़ी खामी को मैजिस्ट्रेट के ध्यान में ला सकते हैं। जांच में अगर कुछ ठोस निकलकर आया तो आरोपियों को नोटिस जारी कर मुकदमा शुरू हो सकता है। शिकायतकर्ता के पास रिपोर्ट के खिलाफ पिटिशन दायर करने का विकल्प होता है। आरोपी (रिया) के पास ऊपरी अदालत में पुनर्विचार अर्जी दायर करने का हक है।

For detailed delhi political news in hindi   

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़