लॉकडाउन: कुछ राज्यों में ढील, कुछ में कोई राहत नहीं, संक्रमण के मामले दोगुने होने की दर कम हुई

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बंद में पहले चरण की राहतें उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, केरल और गोवा समेत कुछ राज्यों में चुनिंदा स्थानों पर दी गयी हैं। कई राज्यों में संक्रमण के मामलों में आज भी इजाफा देखा गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार रविवार और सोमवार के बीच देश में कोरोना वायरस से संक्रमण के 1553 नये मामले सामने आये, वहीं 15 प्रतिशत रोगी सही हो चुके हैं।

नयी दिल्ली। कोविड-19 से निपटने की दिशा में राहत भरी खबर देते हुए सरकार ने सोमवार को कहा कि देश में अब संक्रमण के मामले दोगुने होने की दर धीमी होकर 7.5 दिन हो गयी है तथा एक पखवाड़े में 59 जिलों में कोरोना वायरस का एक भी मामला सामने नहीं आया है। इस बीच कुछ राज्यों ने अर्थव्यवस्था को हो रहे नुकसान को थामने के लिए लॉकडाउन की कुछ पाबंदियों में ढील देने की घोषणा की है, वहीं तमिलनाडु, कर्नाटक ने दिल्ली की तरह तीन मई तक कोई ढील नहीं देने का फैसला लेकर कड़े प्रतिबंध जारी रखने को प्राथमिकता दी है। तेलंगाना राज्य ने लॉकडाउन को सात मई तक बढ़ाने का सुझाव दिया है। पंजाब ने पहले तीन मई तक किसी भी तरह की ढील देने से इनकार किया था लेकिन अब कहा है कि उच्च जोखिम वाले नियंत्रण क्षेत्रों के अतिरिक्त कुछ स्थानों पर कुछ औद्योगिक गतिविधियां प्रारंभ हो सकती हैं। बंद में पहले चरण की राहतें उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, केरल और गोवा समेत कुछ राज्यों में चुनिंदा स्थानों पर दी गयी हैं। कई राज्यों में संक्रमण के मामलों में आज भी इजाफा देखा गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार रविवार और सोमवार के बीच देश में कोरोना वायरस से संक्रमण के 1553 नये मामले सामने आये, वहीं 15 प्रतिशत रोगी सही हो चुके हैं।

मंत्रालय ने शाम पांच बजे के आंकड़ों में बताया कि देश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 17,656 पर पहुंच गया है और अब तक 559 मरीजों की मौत हो गयी है। हालांकि की अनेक राज्यों से संकलित आंकड़ों से बनाई गयी तालिका के अनुसार शाम 6.30 बजे तक संक्रमण के 17,744 मामले आ चुके हैं जिनमें 2,859 रोगी सही हो गए हैं और 584 की मृत्यु हो चुकी है। अकेले महाराष्ट्र में 4600 मामले हो गए हैं, वहीं दिल्ली में संक्रमण के मामलों की संख्या 2000 को पार कर गयी है। गुजरात में कोविड-19 के मामलों की संख्या 1800 से ऊपर है, वहीं तमिलनाडु और राजस्थान में यह आंकड़ा 1500 से आगे निकल गया है। मध्य प्रदेश में अब तक 1400 से अधिक मरीज इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं। राज्यों के प्राधिकारों द्वारा राहतों की घोषणा के बावजूद उद्योगों के प्रतिनिधियों ने कहा कि अधिकतर कंपनियों ने लॉकडाउन पूरी तरह समाप्त होने तक इंतजार करने का निर्णय लिया है क्योंकि वस्तुओं और लोगों की आवाजाही पर लगातार पाबंदी से रुकी हुई आर्थिक गतिविधियों को बहाल करने में कठिनाई हो सकती है। बंद के कारण आर्थिक गतिविधियां रुकी होने से अब तक देश में 7-8 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी नेकहा कि राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर से प्रतिबंध सरकार द्वारा यह सुनिश्चित करने के बाद ही हटाया जाएगा कि कोविड-19 अब पूरी तरह नियंत्रण में है और इससे हमारे देश और लोगों को कोई खतरा नहीं है। 

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स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि 25 मार्च को लॉकडाउन लागू होने के पहले राष्ट्रीय स्तर पर मरीजों की संख्या 3.4 दिन में दोगुनी हो रही थी लेकिन अब 19 अप्रैल तक के विश्लेषण के आधार पर यह दर 7.5 दिन हो गयी है। अग्रवाल ने इसे कोरोना वायरस के खिलाफ जारी अभियान के लिये सकारात्मक संकेत बताते हुए कहा कि देश के 18 राज्य ऐसे हैं जो मरीजों की संख्या दोगुनी होने के मामले में राष्ट्रीय औसत से काफी आगे निकल गये हैं। उन्होंने कहा कि 23 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 59 जिलों में पिछले14 दिन में संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है। अग्रवाल ने कहा कि गोवा पहला राज्य है जहां अब एक भी संक्रमित मरीज नहीं है। उन्होंने कहा कि गोवा में सभी संक्रमित मरीजों को इलाज के बाद स्वस्थ होने पर अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी है। केरल ने लॉकडाउन के दौरान कुछ ढील देने की घोषणा की है लेकिन केंद्र की आपत्ति के बाद इनमें से कुछ को वापस ले लिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केरल सरकार को पत्र लिखा है और उसके द्वारा जारी निर्देशों को लेकर चिंता प्रकट की है। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने रविवार को केरल के मुख्य सचिव टॉम जोस को भेजे पत्र में लॉकडाउन के कार्यान्वयन के लिए जारी समेकित संशोधित दिशानिर्देशों की ओर उनका ध्यान आकृष्ट किया। भल्ला ने हाल ही में उच्चतम न्यायालय की एक टिप्पणी को भी रेखांकित किया कि सभी संबंधित राज्य सरकारें, सार्वजनिक प्राधिकरण और इस देश के नागरिक - केंद्र द्वारा सार्वजनिक सुरक्षा के हित में जारी निर्देशों और आदेशों का पूरी तरह से पालन करेंगे। 

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गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि देश में संक्रमण मुक्त इलाकों में सोमवार से लॉकडाउन में आंशिक छूट दिये जाने के मद्देनजर मंत्रालय सभी राज्यों में स्थिति की सतत निगरानी कर रहा है। श्रीवास्तव ने कहा गृह मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों को पत्र लिखकर लॉकडाउन के नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराने के लिये भी कहा गया है। उन्होंने कहा कि पत्र में राज्यों को कुछ इलाकों में लॉकडाउन का उल्लंघन होने की घटनाओं का जिक्र करते हुये स्पष्ट निर्देश भी दिये गये हैं कि इसका पालन सुनिश्चित करने के लिये सख्ती बढ़ा सकते हैं लेकिन लॉकडाउन के दिशानिर्देशों में ढील कतई नहीं दे सकते। इस बीच केंद्र सरकार ने कहा है कि कोविड-19 को लेकर मुंबई, पुणे, इंदौर, जयपुर, कोलकाता और पश्चिम बंगाल के कुछ अन्य स्थानों पर हालात ‘‘विशेष रूप से गंभीर’’ हैं और लॉकडाउन के नियमों के उल्लंघन से कोरोना वायरस और फैलने का खतरा है। गृह मंत्रालय ने इस संबंध में कार्रवाई करते हुए घोषणा की है कि छहअंतर-मंत्रालयीन केंद्रीय दल (आईएमसीटी) महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और राजस्थान के इन चिह्नित स्थानों पर अगले तीन दिन में दौरा करेंगे तथा मौके पर स्थिति का आकलन कर केंद्र को रिपोर्ट देकर उपाय सुझाएंगे। इन चार राज्यों को रविवार को जारी एक समान आदेशों में गृह मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 से निपटने के लिए अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों पर हिंसा, सामाजिक दूरी बनाए रखने का पूर्णतया उल्लंघन और शहरी इलाकों में वाहनों की आवाजाही के कई मामले सामने आए हैं जिन्हें रोका जाना चाहिए। इस बीच गुजरात और आंध्र प्रदेश से पुलिसकर्मियों के संक्रमित होने के, मुंबई से पत्रकारों को संक्रमण होने के तथा मध्य प्रदेश के इंदौर से कैदियों को भी कोविड-19 का संक्रमण होने के तथा कई जगहों से स्वास्थ्य कर्मियों को संक्रमण होने के मामले सामने आए हैं। प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने मुसलमानों से लॉकडाउन के सभी दिशानिर्देशों का पालन करने तथा इस सप्ताह के आखिर में शुरू हो रहे रमजान में घरों में ही इबादत करने की अपील की है।

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कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते उत्पन्न अभूतपूर्व परिस्थितियों के चलते उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र स्थित प्रसिद्ध बद्रीनाथ धाम के कपाट अब 30 अप्रैल की बजाय 15 मई को खुलेंगे। तमिलनाडु सरकार ने सोमवार को कहा कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए तीन मई तक लागू लॉकडाउन (बंद) के दौरान राज्य में लगी निषेधाज्ञा जारी रहेगी। वहीं कर्नाटक सरकार ने एक अध्यादेश जारी करने का फैसला किया है जिससे उसे कोविड-19 को रोकने के लिए विशेषाधिकार मिल सकेंगे। कर्नाटक के विधि एवं संसदीय मामलों के मंत्री जे सी मधुस्वामी ने कहा कि कर्नाटक मंत्रिमंडल ने कोरोना वायरस के मद्देनजर राज्य में लागू बंद को तीन मई तक बिना किसी छूट के बरकरार रखने का निर्णय लिया है। उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि हालांकि मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा और कोविड-19 कार्य बल के बीच तीन या चार दिन में होने वाली बैठक में समीक्षा और छूट के संबंध में आगे फैसला लेने के लिए रास्ता खुला रखा है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य में सोमवार से आर्थिक गतिविधियों के लिए कुछ छूट दी गयी हैं। उन्होंने राज्य की जनता से घरों में ही रहने और बाहर जाने से बचने की अपील की। उत्तर प्रदेश में लखनऊ, आगरा और फिरोजाबाद में किसी तरह की राहत नहीं दी जाएगी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्य के कुछ इलाकों में सीमित औद्योगिक गतिविधियों की अनुमति दी गयी है, लेकिन इसे किसी भी तरह कोरोना वायरस का खतरा कम होने का संकेत नहीं माना जाना चाहिए। असम के वित्त मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि यदि बाहर से कोई वित्तीय सहायता नहीं मिली तो राज्य सरकार अपने कर्मचारियों को मई माह का वेतन नहीं दे पाएगी। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए 24 मार्च को 14 अप्रैल तक बंद की घोषणा की थी जिसे बाद में तीन मई तक के लिए बढ़ा दिया गया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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