‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर कोविंद समिति अपनी रिपोर्ट सौंपने की प्रक्रिया में जुटी

Kovind Committee
प्रतिरूप फोटो
@ramnathkovind

सितंबर, 2023 में पूर्व राष्ट्रपति कोविंद की अध्यक्षता में यह समिति गठित की गयी थी जिसे एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे पर गौर करने तथा यथाशीघ्र सिफारिशें देने का जिम्मा सौंपा गया है। एक साथ चुनाव कराने के लिए संविधान के कम से कम पांच अनुच्छेदों तथा जन प्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों में संशोधन की जरूरत होगी।

नयी दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगुवाई वाली उच्चस्तरीय समिति ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विषय पर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपने की प्रक्रिया में जुटी है। सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। विधानसभाओं का कार्यकाल एक साथ समाप्त हो, ताकि 2029 से सभी चुनाव एक साथ कराए जाएं-- इसकी प्रक्रिया सुझाने के अलावा समिति लोकसभा, विधानसभाओं तथा स्थानीय निकायों (नगर निगमों/नगरपालिकाओं एवं पंचायतों आदि) के लिए एक ही मतदाता सूची पर भी जोर दे सकती है। 

सितंबर, 2023 में पूर्व राष्ट्रपति कोविंद की अध्यक्षता में यह समिति गठित की गयी थी जिसे एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे पर गौर करने तथा यथाशीघ्र सिफारिशें देने का जिम्मा सौंपा गया है। एक साथ चुनाव कराने के लिए संविधान के कम से कम पांच अनुच्छेदों तथा जन प्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों में संशोधन की जरूरत होगी। सूत्रों ने बताया कि संसद के सदनों के कार्यकाल से संबंधित अनुच्छेद 83, राष्ट्रपति द्वारा लोकसभा को भंग करने से संबंधित अनुच्छेद 85, राज्य विधानमंडलों के कार्यकाल से जुड़ा अनुच्छेद 172, राज्य विधानमंडलों को भंग करने से संबंधित अनुच्छेद 174 और राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाने से संबंधित अनुच्छेद 356 इनमें शामिल हैं। 

निर्वाचन आयोग पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, लोकसभा, राज्यसभा और राज्य विधानमंडलों का चुनाव कराने का जिम्मा है जबकि संबंधित राज्य निर्वाचन आयोग स्थानीय निकाय चुनाव कराते हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जैसे दलों ने कोविंद समिति से कहा है कि स्थानीय निकाय चुनाव राज्य चुनाव आयोगों द्वारा कराए जाने चाहिए लेकिन ये लोकसभा एवं विधानसभा चुनावों के साथ कराए जाने चाहिए। निर्वाचन आयोग ने कहा है कि यदि एक साथ चुनाव कराए जाते हैं तो उसे नयी इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) खरीदने के लिए हर 15 साल पर 10,000 करोड़ रुपये (अनुमानित) की जरूरत होगी। 

पिछले साल सरकार को भेजे संदेश में निर्वाचन आयोग ने कहा था कि आमतौर पर ईवीएम का 15 साल तक उपयोग किया जा सकता है तथा यदि चुनाव एक साथ कराए जाते हैं तो मशीनों के एक सेट का तीन चुनाव में उपयोग किया जा सकता है। विधि आयोग भी एक साथ चुनाव कराने के विषय पर अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने वाला है और वह एक साथ चुनाव पर संविधान में पृथक अध्याय का सुझाव दे सकता है। संभावना है कि विधि आयोग 2029 तक राज्य विधानमंडलों के कार्यकालों के एक साथ समापन के लिए तीन चरणों वाले एक रोडमैप का सुझाव दे सकता है। 

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सूत्रों के मुताबिक न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) ऋतुराज अवस्थी की अगुवाई में आयोग एक साथ चुनाव पर एक ‘नया अध्याय या भाग’ जोड़ने के लिए संविधान में संशोधन की सिफारिश करेगा। सूत्रों ने स्पष्ट किया कि नया अध्याय एक साथ चुनाव, इसकी व्यवहार्यता और सभी चुनावों के लिए एक मतदाता सूची से संबंधित मुद्दों का समाधान बताएगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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