जाने गैंगस्टर विकास दुबे का क्या है मध्य प्रदेश कनेक्शन
विकास दुबे की जो प्रेम कहानी सामने आई है, उसके अनुसार विकास कानपुर में शास्त्री नगर में अपनी बुआ के घर पढ़ाई करने आया था। पड़ोस में रहने वाले एयरफोर्स में कर्मचारी एचपी निगम की बेटी रिचा से उसकी मुलाकात हुई। रिचा को उसके पापा प्यार से सोनू कहते थे। रिचा से नजदीकी बढ़ाने के लिए विकास ने उसके भाई ज्ञानेंद्र से दोस्ती कर ली।
शहडोल। मध्यप्रदेश के उज्जैन में बाबा महाकाल के दर्शन करने पहुँचा कानपुर हत्याकांड का आरोपी और गैंगस्टर विकास दुबे पुलिस की गिरफ्त में है। आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी विकास दुबे को महाकाल मंदिर के सुरक्षा कर्मियों की सूचना पर उज्जैन के महाकाल थाना पुलिस ने अपनी हिरासत में लिया। इस दौरान गैंगस्टर विकास दुबे निडरता से खुद का परिचय देते हुए दिखा। उज्जैन पुलिस की हिरासत में आए गैंगस्टर विकास दुबे के साथ उसके अन्य दो साथियों को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने गैंगस्टर विकास दुबे के पकड़े जाने की पुष्टि की है। कानपुर पुलिस हत्याकांड के आरोपी फरार चल रहे विकास दुबे की तलाश में सबसे पहले यूपी एसटीएफ ने मध्यप्रदेश के शहडोल में छापा मारा था। जहां विकास दुबे का साल कई वर्षो से रह रहा है। यूपी एसटीएफ की दबिश के बाद विकास दुबे के साले ज्ञानेंद्र निगम उर्फ राजू ने पुलिस के सामने पहुँचकर अपनी कहानी बताई कि विकास दुबे ने उसकी बहिन से प्रेम विवाह किया था। जिसके बाद से उसके सम्बन्ध नहीं है। वही यूपी एसटीएफ ने राजू के बेटे को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था।
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मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के बुढ़ार कस्बे में ज्ञानेंद्र निगम उर्फ राजू अपने परिवार के साथ रहता है। जो यूपी एसटीएफ के निशाने पर था। मंगलवार शाम ज्ञानेंद्र ने पुलिस को बताया था कि वे और विकास 25 साल पहले अच्छे दोस्त थे। दो आपराधिक केसों में उसका विकास के साथ आने के बाद वह कानपुर से बुढ़ार आ गया। यहीं पर अपना कारोबार कर रहा है। करीब 20 साल पहले विकास ने उसकी बहन रिचा निगम से लवमैरिज की थी। इसके बाद उसका विकास और रिचा से कोई संबंध नहीं है। 10-15 साल से विकास से बात भी नहीं हुई है। ज्ञानेंद्र का कहना है कि विकास ने उसके कानपुर स्थित मकान पर कब्जा कर लिया था। बड़ी मुश्किल से वह फिर से कब्जा कर पाया है।
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गैंगस्टर विकास दुबे के साले ज्ञानेंद्र निगम उर्फ राजू ने बताया कि उनकी बहिन रिचा और विकास दुबे की शादी से पिता और घरवाले खिलाफ थे। उनके विरोध करने पर विकास ने पिता की कनपटी पर पिस्टल लगा दी थी। विकास दुबे की जो प्रेम कहानी सामने आई है, उसके अनुसार विकास कानपुर में शास्त्री नगर में अपनी बुआ के घर पढ़ाई करने आया था। पड़ोस में रहने वाले एयरफोर्स में कर्मचारी एचपी निगम की बेटी रिचा से उसकी मुलाकात हुई। रिचा को उसके पापा प्यार से सोनू कहते थे। रिचा से नजदीकी बढ़ाने के लिए विकास ने उसके भाई ज्ञानेंद्र से दोस्ती कर ली। दोस्ती इतना परवान चढ़ी कि विकास के हर काम में रिचा का भाई ज्ञानेंद्र साथ देने लगा। विकास का रिचा के घर आना-जाना शुरू हो गया। विकास किसी भी बहाने से रिचा के घर पहुंच जाता। धीरे-धीरे दोनों में नजदीकियां बढ़ीं और एक दूसरे से प्यार करने लगे। इस बीच, विकास ने रिचा के माता-पिता के सामने शादी का प्रस्ताव रखा। लेकिन उन्होंने दूसरी जाति में शादी करने से मना कर दिया। इसके बाद रिचा के पिता ने घर में पाबंदियां लगा दीं। विकास को भी घर आने से मना कर दिया। इससे गुस्साए विकास ने उनकी कनपटी पर पिस्टल लगा दी और जान से मारने की धमकी दी। विकास 1997 में रिचा को भगाकर ले गया और प्रेम विवाह कर लिया। कुछ दिन बाद रिचा विकास को छोड़कर वापस अपने घर आ गई। बाद में विकास की धमकियों के आगे हार मान गई और फिर साथ रहने लगी।
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मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के बुढेरा में मंगलवार को ज्ञानेंद्र उर्फ राजू निगम और उसकी पत्नी पुष्पा निगम पुलिस अधीक्षक से मिलने पहुंचे। इन दोनों ने पुलिस अधीक्षक को बताया कि वह 15 साल पहले ही कानपुर छोड़कर बुढ़ार आकर रहने लगे। विकास दुबे से उनका कोई लेना-देना नहीं है। इन्होंने शपथ पत्र देकर कहा कि 15 साल से विकास के साथ कोई नाता भी नहीं है। पुष्पा निगम ने यूपी के मुख्यमंत्री से पति और बेटे को छोड़े जाने के निर्देश दिए जाने की मांग की। पुष्पा का कहना था कि विकास यहां न तो आता है और न ही हम लोग विकास के यहां जाते हैं। पुष्पा ने कहा है कि विकास ने जो कुछ भी किया है, वह गलत है और उसका परिणाम उसे भुगतना चाहिए। गैंगस्टर विकास दुबे द्वारा 2 जुलाई को आठ पुलिसवालों की हत्या के बाद से रिचा भी फरार है। इन दिनों विकास के काम रिचा खुद देख रही थी। विकास की तलाश में 5 राज्यों में अलर्ट जारी किया गया था। वही बुधवार को यूपी एसटीएफ की एक टीम विकास की ससुराल पहुंची थी। यहां से विकास के साले ज्ञानेंद्र निगम उर्फ राजू और भतीजे आदर्श को उठाकर ले गई है। हालांकि, पुलिस अब यह जानने की कोशिश कर रही है कि आखिर विकास का साला शहडोल के बुढ़ार कस्बा ही क्यों पहुंचा और उसने यहां रहकर भूसे का ही कारोबार करना क्यों चुना।
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