केरल में के-रेल परियोजना को अभी मंजूरी नहीं मिली है: अश्विनी वैष्णव
2x25 केवी क्षमता के साथ विद्युतीकरण, यार्ड और सेक्शन के लिए उचित जल निकासी योजना, निर्माण और संचालन के दौरान पर्यावरण संबंधी चिंताओं का समाधान आदि शामिल हैं। वैष्णव ने कहा, परियोजना को अभी मंजूरी नहीं मिली है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा को बताया कि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट में कमियों के कारण केरल में तिरुवनंतपुरम से कासरगोड तक ‘सिल्वर लाइन’ को अभी मंजूरी नहीं मिली है।
वैष्णव ने ‘के-रेल परियोजना’ पर कांग्रेस सांसद हिबी ईडन के सवालों का लिखित जवाब देते हुए कहा कि तिरुवनंतपुरम से कासरगोड तक सिल्वर लाइन की पहचान केरल रेल विकास निगम लिमिटेड (केआरडीसीएल) द्वारा की गयी है, जो राज्य सरकार (51 प्रतिशत) और रेल मंत्रालय (49 प्रतिशत) की एक संयुक्त उद्यम कंपनी है।
वैष्णव के अनुसार, केआरडीसीएल ने एक सर्वेक्षण के बाद परियोजना की एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) प्रस्तुत की, जिसमें कई खामियां हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, दक्षिण रेलवे ने केआरडीसीएल को उन कमियों को दूर करने और नवीनतम तकनीकी मानकों के अनुसार संशोधित डीपीआर तैयार करने की सलाह दी है।
इन नवीनतम तकनीकी मानकों में ब्रॉड गेज को अपनाना, उपयुक्त बिंदुओं पर मौजूदा भारतीय रेलवे नेटवर्क के साथ एकीकरण, समतल रूलिंग ग्रेडिएंट, 160 किमी प्रति घंटे की गति क्षमता, कवच का प्रावधान, 2x25 केवी क्षमता के साथ विद्युतीकरण, यार्ड और सेक्शन के लिए उचित जल निकासी योजना, निर्माण और संचालन के दौरान पर्यावरण संबंधी चिंताओं का समाधान आदि शामिल हैं। वैष्णव ने कहा, परियोजना को अभी मंजूरी नहीं मिली है।
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