मोदी की ट्रंप के साथ हुई द्विपक्षीय वार्ता, ऊर्जा सुरक्षा समेत कई मुद्दों पर चर्चा
मोदी-ट्रंप की बातचीत के बारे में विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि फारस की खाड़ी क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चित करने पर मुख्य रूप से ध्यान दिया गया।
ओसाका। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान ऊर्जा सुरक्षा तथा फारस की खाड़ी क्षेत्र में शांति को लेकर भारत की चिंताओं को उठाया। जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर मोदी-ट्रंप की यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब ईरान और अमेरिका के बीच तनाव चरम पर है। पिछले सप्ताह अमेरिका ने आरोप लगाया था कि ईरान ने अमेरिका के एक ड्रोन को गिरा दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि ईरान उन चार प्रमुख मुद्दों में शामिल है, जिस पर वह ट्रंप से चर्चा करेंगे। मोदी-ट्रंप की बातचीत के बारे में विदेश सचिव विजय गोखले ने संवाददाताओं को बताया कि फारस की खाड़ी क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चित करने पर मुख्य रूप से ध्यान दिया गया।
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उन्होंने कहा कि अस्थिरता हमें कई मोर्चे पर प्रभावित करती है, न सिर्फ ऊर्जा की जरूरतों के मामले में बल्कि खाड़ी में हमारे समुदाय की बड़ी आबादी रहती है, 80 लाख भारतीय खाड़ी क्षेत्र में रहते हैं और आर्थिक हित भी जुड़े हैं। गोखले के मुताबिक इस बात पर सहमति बनी कि दोनों देशों के अधिकारी क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए एक-दूसरे के संपर्क में रहेंगे। उन्होंने कहा कि ईरान के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने हमारी ऊर्जा संबंधी चिंताओं के साथ-साथ क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता से जुड़ी चिंताओं को रेखांकित किया।
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की कुल ऊर्जा जरूरत में ईरान 11 प्रतिशत की आपूर्ति करता है। भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रभावित होने के बावजूद ईरान से तेल के आयात में कमी की गयी है। गोखले के मुताबिक प्रधानमंत्री ने कहा कि खाड़ी एवं होरमुज जलडमरूमध्य से गुजरने वाले भारतीय जहाजों की सुरक्षा के लिए भारत ने क्षेत्र में कुछ नौसैनिक जहाजों की तैनाती की है। उन्होंने कहा कि ट्रम्प ने इस बात की बहुत अधिक सराहना की। संक्षिप्त बातचीत के दौरान राष्ट्रपति ने उम्मीद जतायी कि तेल की कीमतें स्थिर रहेंगी। उन्होंने (ट्रम्प) तेल की कीमतों को स्थिर रखने के लिए खाड़ी देशों में स्थिरता को सुनिश्चत करने के लिए अमेरिका द्वारा उठाये जा रहे कदमों की चर्चा की।
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