Hemant Soren माओवादियों के गढ़ रहे बूढ़ा पहाड़ का दौरा करने वाले झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बने
सोरेन दोपहर को इस पहाड़ी पर पहुंचे जहां केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने अब अपना कैंप स्थापित कर लिया है। ऐसी उम्मीद है कि वह लातेहार और गढ़वा जिलों के साथ ही ‘बूढ़ा पहाड़’ के लिये कुछ कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत करेंगे।
बूढ़ा पहाड़। हेमंत सोरेन कभी माओवादियों का गढ़ रहे बूढ़ा पहाड़ का दौरा करने वलो झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बन गये हैं। छत्तीसगढ़ की सीमा से सटा यह क्षेत्र तीन दशक तक माओवादियों का गढ़ रहा था और सुरक्षा बलों ने उसे उनके नियंत्रण से मुक्त कराया। अधिकारियों ने बताया कि सोरेन दोपहर को इस पहाड़ी पर पहुंचे जहां केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने अब अपना कैंप स्थापित कर लिया है। ऐसी उम्मीद है कि वह लातेहार और गढ़वा जिलों के साथ ही ‘बूढ़ा पहाड़’ के लिये कुछ कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत करेंगे।
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‘बूढ़ा पहाड़’ झारखंड की राजधानी रांची से करीब 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सुरक्षाबलों ने तीन विशेष अभियानों के माध्यम से ‘बूढ़ा पहाड़’ क्षेत्र को माओवादियों की जकड़ से मुक्त कराया था। ये अभियान अप्रैल, 2022 में शुरू किये गये थे। अधिकारियों ने कहा कि इन अभियानों के दौरान कुल 14 माओवादियों को मार गिराया गया जबकि 590 अन्य को या तो पकड़ लिया गया या फिर उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया। उन्होंने बताया कि ‘बूढ़ा पहाड़’ से नक्सलियों को खदेड़ने के पिछले प्रयास मुश्किल भौगोलिक स्थिति के कारण सफल नहीं हुए।
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