सिंधिया समर्थक पूर्व मंत्री बोले दल ही नहीं दिल भी बदला
लेकिन भाजपा में आकर मैंने सीखा है कि नम्रता कैसे होती है। उन्होंने कहा कि मैं शिवराज सिंह चौहान को आदर्श मानते हुए कसम खाता हूं कि कोई गलती नहीं करूंगा।
सागर। मध्य प्रदेश की सुरखी विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि मैंने दल ही नहीं, बल्कि अपना दिल भी बदला है। मैंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से नम्रता सीखी है। एक मुख्यमंत्री वे थे, जो न हमसे मिलते थे और न ही उनके पास बात करने का समय था। वे तो हंसते भी अपने मूड के अनुसार ही थे, लेकिन भाजपा में आकर मैंने सीखा है कि नम्रता कैसे होती है। उन्होंने कहा कि मैं शिवराज सिंह चौहान को आदर्श मानते हुए कसम खाता हूं कि कोई गलती नहीं करूंगा।
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इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह कोई आम उपचुनाव नहीं है। ये उपचुनाव बेहद खास हैं। इन उपचुनावों से ही तय होगा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री कौन रहेगा? ये प्रदेश की जनता के विकास का उपचुनाव है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की विचित्र स्थिति हो गई है। मैं जनता के सामने उन्हें घूटने टेककर प्रणाम करता हूं तो कांग्रेस के नेता कहते हैं कि शिवराज सिंह ने तो जनता के सामने घूटने टेक दिए हैं। मैं विकास के कार्य करता हूं तो वे कहते हैं कि शिवराज सिंह तो हाथ में नारियल लेकर चलता है। उन्होंने कहा कि ये कांग्रेस को कौन समझाए कि लोकतंत्र में जनता ही भगवान होती है और भगवान के सामने घूटने टेककर ही प्रणाम किया जाता है, भगवान को ही नारियल चढ़ाया जाता है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि कमलनाथ मुझे नंगा-भूखा कहते हैं। वे तो सेठ हैं, उद्योगपति हैं, कहां से आएं हैं पता ही नहीं। मैं तो जैत गांव में एक छोटे से घर में जन्मा हूं, लेकिन उनका तो पता ही नहीं है कि वे कहां से आकर मध्यप्रदेश में बस गए हैं। वे मध्यप्रदेश को नहीं जानते, यहां की परंपराओं, रीति-रिवाजों को नहीं जानते हैं। बंदेलखंड को नहीं जानते हैं। आल्हा-उदल कौन थे उन्हें ये भी नहीं पता है। वे हमको कोस रहे हैं, हमारी सरकार द्वारा किए गए विकास के कार्यों को कोस रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस की हालत ऐसी हो गई है कि उसके कई टुकड़े हो गए हैं। कोई यहां गिरा, कोई वहां गिरा। एक टुकड़े को राहुल गांधी उठा ले गए, एक को दिग्विजय सिंह उठा ले गए तो एक को कमलनाथ ने उठा लिया।
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