असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर, 30 जिलों में अबतक हो गए 24.5 लाख लोग प्रभावित

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स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति के बारे में उन्होंने कहा कि बाढ़ से राज्य भर में काफी नुकसान हुआ है, लेकिन 'जल जीवन मिशन' योजना 'इन कठिन समय में उम्मीद की किरण' बनकर सामने आई है। उन्होंने कहा, 'परिवर्तनकारी जल आपूर्ति परियोजना इन कठिन समय में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति कर रही है।'

असम में बारिश और बाढ़ की मार जारी है। असम में लगातार तेज बारिश आ रही है, जिससे कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गई है। बाढ़ आने से लोगों को काफी परेशानी होने लगी है। बाढ़ का पानी काफी धीरे धीरे कम हो रहा है मगर अब भी बाढ़ की स्थिति में किसी तरह का सुधार देखने को नहीं मिला है।

 

असम में आई बाढ़ के संबंध में कहा गया है कि बाढ़ की स्थिति शनिवार को भी गंभीर रूप से बनी हुई है। असम में 30 जिलों में 24.5 लाख से अधिक लोग बाढ़ से जूझ रहे हैं और कई स्थानों पर प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इस वर्ष बाढ़ में 52 लोगों की मृत्यु हुई तथा भूस्खलन और तूफान के कारण 12 अन्य लोगों की जान चली गई।

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गंभीर रूप से प्रभावित डिब्रूगढ़ जिले से लौटने के बाद शुक्रवार देर रात अधिकारियों के साथ बैठक की और राज्य में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा, 'डिब्रूगढ़ के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद हमने असम आरोग्य निधि-स्वास्थ्य वित्तीय सहायता योजना सहित कई मामलों की समीक्षा की।'  

 

सरमा ने यह भी कहा कि उन्होंने अधिकारियों से विशेष रूप से 'दुर्लभतम मामलों को प्राथमिकता देने और उन लोगों के आवेदनों को प्राथमिकता देने को कहा है जो किसी भी मौजूदा योजना के अंतर्गत कवर नहीं हैं।' मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों से बातचीत करने के बाद उन्होंने उनकी समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारियों को संदेश भेजे हैं। उन्होंने कहा, "हमारे लिए, सक्रिय शासन प्रभावी सार्वजनिक सेवा की कुंजी है।"

 

स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति के बारे में उन्होंने कहा कि बाढ़ से राज्य भर में काफी नुकसान हुआ है, लेकिन 'जल जीवन मिशन' योजना 'इन कठिन समय में उम्मीद की किरण' बनकर सामने आई है। उन्होंने कहा, 'परिवर्तनकारी जल आपूर्ति परियोजना इन कठिन समय में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति कर रही है।' उन्होंने कहा, 'परिवर्तनकारी जल आपूर्ति परियोजना इन कठिन समय में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति कर रही है।' 

ये हैं सबसे अधिक प्रभावित

बाढ़ से प्रभावित जिलों में कछार, कामरूप, हैलाकांडी, होजाई, धुबरी, नागांव, मोरीगांव, गोलपारा, बारपेटा, डिब्रूगढ़, नलबाड़ी, धेमाजी, बोंगाईगांव, लखीमपुर, जोरहाट, सोनितपुर, कोकराझार, करीमगंज, दक्षिण सलमारा, दरांग और तिनसुकिया शामिल हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के बुलेटिन के अनुसार, इस वर्ष बाढ़, भूस्खलन और तूफान से 64 लोगों की मौत हुई है। इसमें कहा गया है कि धुबरी की आबादी 7,75,721, दारंग की आबादी 1,86,108, कछार की आबादी 1,75,231, बारपेटा की आबादी 1,39,399 और मोरीगांव की आबादी 1,46,045 सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल हैं। कुल मिलाकर 47,103 प्रभावित लोगों ने 612 शिविरों में शरण ली है, जबकि गैर-राहत शिविरों में 4,18,614 लोगों को राहत सामग्री प्रदान की गई है। कामरूप (महानगर), कामरूप और डिब्रूगढ़ जिलों के शहरी इलाकों में भी बाढ़ की खबर है।

कैबिनेट मंत्री भी बाढ़ प्रभावित विभिन्न जिलों में डेरा डाले हुए हैं। सरमा ने कहा कि वह और उनकी पूरी टीम बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए मौके पर है। मुख्यमंत्री ने कहा, "हम लोगों की शिकायतें सुनने और उनके मुद्दों को हल करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।" ब्रह्मपुत्र नदी निमाटीघाट, गुवाहाटी, गोलपारा और धुबरी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसकी सहायक नदियाँ चेनीमारी में बूढ़ी दिहिंग, शिवसागर में दिखौ, नांगलमुराघाट में दिसांग, नुमालीगढ़ में धनसिरी, एनटी रोड क्रॉसिंग पर जिया भराली और कामपुर और धर्मतुल में कोपिली भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। 

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