यमुना नदी के आसपास अव्यवस्था के कारण बाढ़ पूर्वानुमान सटीक साबित नहीं हुआ: केंद्र

Yamuna
प्रतिरूप फोटो
ANI

नदी पर पुल निर्माण गतिविधियों के कारण गाद जमा होने, नदी के मार्ग में पेड़ों के होने और विभिन्न स्थानों पर मलबा निपटान गतिविधि के कारण वजीराबाद और ओखला बैराज के बीच जल का स्वतंत्र प्रवाह नहीं हो पाया।

केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण को सूचित किया है कि वजीराबाद और ओखला बैराज के बीच यमुना नदी के आसपास अव्यवस्था के कारण 2023 में बाढ़ से संबंधित केंद्रीय जल आयोग का पूर्वानुमान सटीक साबित नहीं हुआ।

एनजीटी ने एक समाचार पत्र में प्रकाशित समाचार का स्वत: संज्ञान लिया था और 2023 में दिल्ली में सबसे भीषण बाढ़ आने का पूर्वानुमान लगाने में आयोग की विफलता पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय (एमओजेएस), केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) और अन्य पक्षों से जवाब मांगा था।

वर्ष 2023 में, दिल्ली में भारी बारिश के कारण कई इलाकों में भीषण बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई थी और 25,000 से अधिक लोगों को जलमग्न क्षेत्रों से निकाला गया था। एमओजेएस और सीडब्ल्यूसी द्वारा चार जनवरी को दायर जवाब में कहा गया कि हथिनीकुंड बैराज में भरे पानी के कारण दिल्ली के पास यमुना नदी में बाढ़ की स्थिति पैदा हुई थी।

जवाब में कहा गया है, इसके कारण, दिल्ली रेलवे ब्रिज (डीआरबी) पर जल का प्रवाह लगातार बढ़ता गया और 12 जुलाई, 2023 को 13:00 (दोपहर 1 बजे) बजे 207.49 मीटर के पिछले उच्च प्रवाह स्तर (एचएफएल) को पार करके 13 जुलाई को 18:00 (शाम 6 बजे) बजे 208.66 मीटर के उच्चतम स्तर तक पहुंच गया।

जवाब में कहा गया है कि आईटीओ बैराज के सभी गेट न खुलने, नदी पर पुल निर्माण गतिविधियों के कारण गाद जमा होने, नदी के मार्ग में पेड़ों के होने और विभिन्न स्थानों पर मलबा निपटान गतिविधि के कारण वजीराबाद और ओखला बैराज के बीच जल का स्वतंत्र प्रवाह नहीं हो पाया।

जवाब में कहा गया है, इन सभी कारकों के कारण दिल्ली में नदी के आसपास अव्यवस्था हुई। ऐसे में जल का मुक्त प्रवाह न होने के कारण पूर्वानुमान सटीक साबित नहीं हुआ।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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