Siddiqui के बयान पर बोले फारूक अब्दुल्ला, भारत जरूर मुश्किल से गुजर रहा, लेकिन देश छोड़ने से दूर नहीं होंगी नफरतें

Farooq Abdullah
ANI
अंकित सिंह । Dec 23 2022 2:39PM

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा कि अगर इस देश को बचना है तो मुसलमान हो, हिंदु हो, सिख हो, ईसाई हो, हम सबको भाईचारे में रहना है। उन्होंने कहा कि रामराज्य ये ही था कि सब बराबर हैं। कोई भी देश का आदमी पीछे रह जाए तो देश मजबूत नहीं हो सकता।

राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी के बयान को लेकर सियासी बवाल लगातार मचा हुआ है। बिहार में भाजपा जबरदस्त तरीके से राजद पर हमलावर है। इन सबके बीच अब्दुल बारी सिद्दीकी के बयान पर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने भी अपनी बात रखी है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि देश जरूर मुश्किल दौर से गुजर रहा है और नफरतें बढ़ गई हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देश छोड़ने से नफरतें दूर नहीं होंगी। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि देश में रहकर आपको इस आग को खत्म करना है। सभी लोग खराब नहीं है, अच्छे लोगों की बहुत बड़ी संख्या है। 

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जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा कि अगर इस देश को बचना है तो मुसलमान हो, हिंदु हो, सिख हो, ईसाई हो, हम सबको भाईचारे में रहना है। उन्होंने कहा कि रामराज्य ये ही था कि सब बराबर हैं। कोई भी देश का आदमी पीछे रह जाए तो देश मजबूत नहीं हो सकता। आपको बता दें कि एक कार्यक्रम में बोलते हुए राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा था कि देश मुसलमानों के लिए असुरक्षित हो गया है। इसके साथ ही उन्होंने विदेश में पढ़ाई कर रहे अपने बच्चों को देश ना लौटने की भी सलाह दे दी। यही कारण है कि अब्दुल बारी सिद्दीकी पर भाजपा जबरदस्त तरीके से हमलावर है और उन्हें पाकिस्तान जाने के लिए कह रही है। 

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अपने बयान में अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि मेरा बेटा हावर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ता है और बेटी लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स से पास आउट है। जो देश का माहौल है, उसी से हमने अपने बेटा-बेटी को कहा है कि उधर ही नौकरी कर लो, अगर नागरिकता भी मिले तो ले लो। अब भारत में माहौल नहीं रह गया है। पता नहीं तुम लोग झेल पाओगे या नहीं। दूसरी ओर बाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि राजद नेता सिद्दीकी के बयान निंदनीय है। ये लोग मदरसा संस्कृति से अभी भी बाहर नहीं निकल पाए हैं। ऐसे ही लोग सेक्युलरिज्म व लिबरलिज्म के मुखोटे में राष्ट्रविरोधी व धार्मिक एजेंडा चलाते हैं। सिद्दीकी का बयान आरजेडी की विचारधारा को परिलक्षित करता है।

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