सात महीने से जारी है किसानों का आंदोलन, राकेश टिकैत की चेतावनी, हर महीने आती है 26 तारीख
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि 4 लाख ट्रैक्टर्स और 25 लाख लोग यहां पर हैं। ये ट्रैक्टर इसी देश के हैं और हम लोग अफगानिस्तान से नहीं आए हैं।
नयी दिल्ली। केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों का पिछले सात महीने से आंदोलन जारी है। किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) कानून बनाया जाए। इसी बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का बयान सामने आया है।
These 4 lakh tractors & 25 lakh people are here. These tractors are from this country & haven't come from Afghanistan. We are protesting for last 7 months peacefully, doesn't the govt have shame to hear what farmers have to say. It doesn't work in a democracy: Rakesh Tikait, BKU pic.twitter.com/LtLZO83lT3
— ANI (@ANI) June 24, 2021
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किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि 4 लाख ट्रैक्टर्स और 25 लाख लोग यहां पर हैं। ये ट्रैक्टर इसी देश के हैं और हम लोग अफगानिस्तान से नहीं आए हैं। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक किसान नेता ने कहा कि पिछले सात महीने से हमारा आंदोलन चल रहा है, सरकार को शर्म नहीं आती? कोरोना की तीसरी वेव आती है तो भी हम यहीं रहेंगे। आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चलता रहेगा।
इससे पहले उन्होंने ट्वीट करके सरकार को चेतावनी दी कि 26 तारीख हर महीने आती है। सरकार इस बात को याद रख लें। उन्होंने कहा कि चार लाख ट्रैक्टर भी यही हैं, 25 लाख किसान भी यही हैं और 26 तारीख भी हर महीने आती है ये सरकार याद रख लें ...।
चार लाख ट्रैक्टर भी यही हैं,दिल्ली के ढब को खड़े खड़े घे करें वे, वो 25 लाख किसान भी यही हैं और 26 तारीख भी हर महीने आती है ये सरकार याद रख लें ..। #बिल_वापसी_ही_घर_वापसी
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) June 24, 2021
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गौरतलब है कि किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि 26 तारीख को लोग हर राज्य में राज्यपाल या उपराज्यपाल के यहां जाएंगे। उनको ज्ञापन देंगे और मिलेंगे। कोरोना है तो 5-6 लोग जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि अगर सरकार नहीं सुन रही है तो राज्यपाल और राष्ट्रपति बड़े होते हैं। हम राज्यपाल के माध्यम से अपनी बात कहेंगे। आपको ज्ञात हो तो 26 जनवरी के दिन किसानों ने दिल्ली कूच किया था। जिनमें शामिल कुछ अराजक तत्वों ने लाल किले में एक धर्म विशेष का झंडा फहराया गया था।
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