आचार समिति ने महुआ मोइत्रा से दो नवंबर को पेश होने को कहा, तारीख और आगे बढ़ाने से इनकार किया

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उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया, लेकिन यह बात स्वीकार की कि हीरानंदानी उनके दोस्त रहे हैं और उन्होंने अपनी ओर से सवाल टाइप कराने के लिए उनके साथ अपने संसदीय पोर्टल का लॉगिन विवरण साझा किया था। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह सिर्फ उन्होंने मदद लेने के लिए किया था और इसमें कोई गड़बड़ नहीं थी। दुबे ने कहा है कि किसी के साथ लॉगिन विवरण साझा करना पोर्टल का प्रबंधन करने वाली सरकारी संस्था (एनआईसी) के साथ समझौते का उल्लंघन है और यह सुरक्षा के लिए खतरा है।

लोकसभा की आचार समिति ने ‘पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने’ से जुड़े आरोपों के मामले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा का पांच नवंबर के बाद उन्हें बुलाने का अनुरोध शनिवार को अस्वीकार कर दिया और उनकी पेशी की तारीख पूर्व निर्धारित तिथि से दो दिन आगे खिसकाकर दो नवंबर कर दी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली समिति ने मोइत्रा से कड़े लहजे में कहा कि वह ‘‘मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए और संसद के साथ साथ उसके सदस्यों की गरिमा पर इसके कारण पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुए’’ किसी भी कारण से विस्तार के किसी अन्य अनुरोध पर विचार नहीं करेगी। मोइत्रा ने उन पर लगे आरोपो की जांच कर रही आचार समिति को शुक्रवार को पत्र लिखकर कहा था कि वह भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए ‘पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने’ के आरोपों के मामले में अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के चलते समिति के समक्ष 31 अक्टूबर को उपस्थित नहीं हो पाएंगी।

उन्होंने कहा था कि वह पांच नवंबर के बाद ही पेश हो सकेंगी। लोकसभा सचिवालय ने शनिवार को मोइत्रा से कहा, ‘‘आचार समिति के अध्यक्ष ने समिति के समक्ष पेश होने की तारीख आगे बढ़ाने के आपके अनुरोध को स्वीकार कर लिया है, यानी समिति की बैठक का कार्यक्रम फिर से तय किया जा रहा है। तदनुसार, आपके व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए दो नवंबर की तारीख तय की गई है।’’ दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को 15 अक्टूबर को लिखे एक पत्र में मोइत्रा पर cको निशाना बनाने के लिए उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी के कहने पर लोकसभा में सवाल पूछने के लिए रिश्वत लेने और लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है। उन्होंने शिकायत में कहा था कि किसी समय मोइत्रा के करीबी रहे देहाद्रई ने मोइत्रा और हीरानंदानी के बीच अडाणी समूह तथा मोदी पर निशाना साधने के लिए रिश्वत के लेनदेन के ऐसे साक्ष्य साझा किये हैं जिन्हें खारिज नहीं किया जा सकता।

इस मामले के संदर्भ में बृहस्पतिवार को वकील जय अनंत देहाद्रई और दुबे ने मोइत्रा के खिलाफ आचार समिति को ‘मौखिक साक्ष्य’’ सौंपे थे। मोइत्रा ने कहा था कि उन्हें ‘‘दुबे और देहाद्रई द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए झूठे, दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक आरोपों के खिलाफ खुद का बचाव करने के लिए पर्याप्त अवसर दिया जाना चाहिए और मामले की निष्पक्ष सुनवाई होनी चाहिए।’’ उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया, लेकिन यह बात स्वीकार की कि हीरानंदानी उनके दोस्त रहे हैं और उन्होंने अपनी ओर से सवाल टाइप कराने के लिए उनके साथ अपने संसदीय पोर्टल का लॉगिन विवरण साझा किया था। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह सिर्फ उन्होंने मदद लेने के लिए किया था और इसमें कोई गड़बड़ नहीं थी। दुबे ने कहा है कि किसी के साथ लॉगिन विवरण साझा करना पोर्टल का प्रबंधन करने वाली सरकारी संस्था (एनआईसी) के साथ समझौते का उल्लंघन है और यह सुरक्षा के लिए खतरा है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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