मणिपुर में गोलीबारी में चार लोगों की मौत का कारण मादक पदार्थ से जुड़े धन का विवाद; स्थिति शांत

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हमले के बाद गुस्साए स्थानीय लोगों ने उन चार गाड़ियों में आग लगा दी, जिनमें हमलावर आए थे। यह तत्काल स्पष्ट नहीं हो सका कि वे किस गुट से संबद्ध हैं। थोउबल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राकेश बलवाल घटना के बाद मौके पर पहुंचने वाले शुरुआती लोगों में से थे। हिंसा के बाद, थोउबल, इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम, काकचिंग और बिष्णुपुर जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया।

मणिपुर के थोउबल जिले में अल्पसंख्यक बहुल लिलोंग चिंगजाओ इलाके में मंगलवार को स्थिति शांतिपूर्ण रही और क्षेत्र में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। लिलोंग चिंगजाओ में ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी’ के उग्रवादियों ने चार ग्रामीणों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि घटना में घायल हुए एक और व्यक्ति के दम तोड़ने से मृतक संख्या बढ़कर चार हो गई है जबकि गंभीर रूप से घायल दो अन्य व्यक्ति इंफाल के अस्पताल में आईसीयू में भर्ती हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस घटना मादक पदार्थ के व्यापार के माध्यम से एकत्र किए गए धन पर विवाद का परिणाम है।

अधिकारियों ने कहा कि प्रतिबंधित पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के कुछ उग्रवादी एक व्यक्ति के घर पहुंचे, जिसके खिलाफ नशीले पदार्थों के कई मामले लंबित हैं। कुछ ही मिनटों में, थोउबल जिला मुख्यालय से 15 किमी दूर लिलोंग चिंगजाओ गांव में संदिग्ध मादक पदार्थ तस्कर के आवास के बाहर लगभग 1,000 लोग एकत्र हो गए और पीएलए के उग्रवादियों को खदेड़ दिया। भागते समय, पीएलए के उग्रवादियों ने स्थानीय लोगों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें चार लोग मारे गए और कुछ अन्य घायल हो गए। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की राजनीतिक शाखा रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट (आरपीएफ) ने एक बयान जारी कर दावा किया कि बंदूकधारी संगठन के सदस्य हैं और वे घटना की आंतरिक जांच कर रहे हैं।

दोनों संगठनों को कड़े गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत प्रतिबंधित किया गया है। मुख्यमंत्री ने राज मेडिसिटी अस्पताल का दौरा किया जहां घायलों का इलाज किया जा रहा है। अपनी यात्रा के बाद, सिंह ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, हम सभी प्रकार की हिंसा की कड़ी निंदा करते हैं, और राज्य सरकार ने दोषियों को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया है और दोषी को कानून के अनुसार दंडित किया जाएगा। कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। उन्होंने बताया कि इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए वाहनों की गश्त बढ़ा दी गई है। बाद में मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिवारों से मुलाकात कर कहा, इस कठिन समय के दौरान अपनी हार्दिक संवेदना और अपनी सहानुभूति व्यक्त करता हूं।

उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, हम एक समुदाय के रूप में एकजुट हैं और हमारी सरकार जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए त्वरित और गहन जांच सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। लिलोंग चिंगजाओ के निवासियों ने मांगों की एक सूची मुख्यमंत्री को सौंपी। उन्होंने मांग की कि घटना की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (एनआईए) को सौंपी जाए और मृतक के परिजनों को 20-20 लाख रुपये और घायलों को दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाए। इस बीच, मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर इंफाल घाटी के पांच जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया जिसके बाद, कुछ वाहन सड़कों पर चलते देखे गए। वहीं अधिकांश वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहे।

अधिकारी ने कहा कि जिन लोगों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए इंफाल के ‘जवाहरलाल नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज’ में लाया गया है उनकी पहचान मोहम्मद दौलत (30), एम सिराजुद्दीन (50), मोहम्मद आजाद खान (40) और मोहम्मद हुसैन (22) के रूप में की गई। घटना में 10 अन्य घायल हो गए और फिलहाल इंफाल के एक अन्य अस्पताल में उनका इलाज हो रहा है। उन्होंने कहा कि उनमें से चार को गोली लगी है और चार में से दो आईसीयू में हैं जबकि दो अन्य चिकित्सकों की निगरानी में हैं।

हमले के बाद गुस्साए स्थानीय लोगों ने उन चार गाड़ियों में आग लगा दी, जिनमें हमलावर आए थे। यह तत्काल स्पष्ट नहीं हो सका कि वे किस गुट से संबद्ध हैं। थोउबल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राकेश बलवाल घटना के बाद मौके पर पहुंचने वाले शुरुआती लोगों में से थे। हिंसा के बाद, थोउबल, इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम, काकचिंग और बिष्णुपुर जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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