कर्नाटक में 29 नए मंत्रियों को बांटे गए विभाग, कुछ मंत्रियों ने दिखाई अप्रसन्नता
मुख्यमंत्री ने बुधवार को 29 मंत्रियों को शामिल कर अपने नए मंत्रिमंडल का विस्तार किया था। उनके मंत्रिमंडल में 23 चेहरे ऐसे हैं जो पूर्ववर्ती येदियुरप्पा मंत्रिमंडल में भी शामिल थे, जबकि छह नए चेहरों को भी उन्होंने जगह दी है।
बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शनिवार को अपने नए मंत्रिमंडल के सदस्यों में विभागों का बंटवारा कर दिया, इनमें से अधिकतर मंत्रियों के पास उन्हीं विभागों की जिम्मेदारी है, जो पूर्ववर्ती बी एस येदियुरप्पा की सरकार में उनके पास थे। एक चौंकाने वाले कदम में पहली बार मंत्री बनने वालों को कुछ महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी दी गई है, जैसे अरगा ज्ञानेंद्र को गृह विभाग और वी सुनील कुमार को ऊर्जा के साथ ही कन्नड और संस्कृति विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। मुख्यमंत्री ने बुधवार को 29 मंत्रियों को शामिल कर अपने नए मंत्रिमंडल का विस्तार किया था। उनके मंत्रिमंडल में 23 चेहरे ऐसे हैं जो पूर्ववर्ती येदियुरप्पा मंत्रिमंडल में भी शामिल थे, जबकि छह नए चेहरों को भी उन्होंने जगह दी है।
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नए मंत्रिमंडल में 17 मंत्रियों के पास वही विभाग हैं जो पिछली सरकार में उनके पास थे। उनमें से आठ वो हैं जिन्होंने 2019 में कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था और पार्टी को सत्ता हासिल करने में मदद की थी। कम से कम छह ऐसे मंत्रियों को अहम विभाग मिले हैं जो न तो भाजपा के पुराने वफादार रहे हैं न ही उनकी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पृष्ठभूमि रही है। इनमें अरगा ज्ञानेंद्र और सुनील कुमार शामिल हैं। के एस इश्वरप्पा- ग्रामीण विकास व पंचायती राज, आर अशोका-राजस्व, कोटा श्रीनिवास पुजारी-सामाजिक कल्याण और पिछड़ा वर्ग और बीसी नागेश- प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा ऐसे अन्य मंत्री हैं। विभागों के बंटवारे को लेकर थोड़ा असंतोष भी देखने को मिला, दो मंत्रियों आनंद सिंह और एम टी बी नागराज ने उन्हें दिए गए विभाग को लेकर खुले तौर पर अप्रसन्नता व्यक्त की।
अपने मंत्रियों के बीच असंतोष पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह व्यक्तिगत तौर पर उनसे बात करेंगे और मामले को सुलझाएंगे, क्योंकि हर किसी को वो विभाग नहीं मिल सकता जो वो मांगते हों। बोम्मई ने कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार (डीएपीआर), वित्त, खुफिया, मंत्रिमंडल मामलों, बेंगलुरु विकास और सभी गैरआवंटित विभागों का काम अपने पास रखा है। बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका के जल्द होने वाले चुनावों के मद्देनजर व्यापक रूप से यह उम्मीद की जा रही थी कि बेंगलुरु विकास विभाग का जिम्मा शहर के एक वरिष्ठ मंत्री को सौंपा जाएगा, लेकिन इस अहम विभाग के लिये कई दावेदारों को देखते हुए मुख्यमंत्री ने इसे अपने पास ही रखा है। अधिकतर मंत्रियों के पास पिछली सरकार वाले विभाग ही हैं, जिनके मंत्रालय में बदलाव हुआ है उनमें गोविंद करजोल - जल संसाधन, सी सी पाटिल- लोक निर्माण, बी श्रीरामुलु- परिवहन और अनुसूचित जनजाति कल्याण, मुरुगेश निरानी- उद्योग शामिल हैं। कोविड-19 महामारी के बीच के सुधाकर स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग दिया गया है, जो पहले भी उनके पास था। मंत्रिमंडल में एक मात्र महिला सदस्य शशिकला जोले को मुजराई, वक्फ और हज का प्रभारी बनाया गया है। वह येदियुरप्पा के मंत्रिमंडल में महिला एवं बाल विकास मंत्री थीं और उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे।
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मंत्रिमंडल में नये चेहरे हलप्पा अचर अब महिला व बाल विकास मंत्रालय देखेंगे। उनके पास खदान एवं भूविज्ञान विभाग का जिम्मा भी होगा। अन्य मंत्रियों में वी सोमन्ना को आवास, उमेश कट्टी को वन, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग मिला है जबकि एस अंगारा को मत्स्य, पोत और अंतरदेशीय परिवहन का जिम्मा दिया गया है। जे सी मधुस्वामी को लघु सिंचाई, विधि एवं संसदीय मामलों का मंत्री बनाया गया है, सी एन अश्वथ नारायण उच्च शिक्षा, आईटी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी व कौशल विकास मंत्रालय का काम देखेंगे। आनंद सिंह के पास पर्यावरण, पारिस्थितिकी और पर्यटन का कामकाज होगा। इसके अलावा प्रभु चौहान को पशुपालन, शिवराम हेब्बर को श्रम, एस टी सोमशेखर को सहकारी विभाग दिया गया है। बीसी पाटिल को कृषि मंत्री बनाया गया है जबकि बी ए बसवराज शहरी विकास विभाग का काम देखेंगे। के गोपालैया आबकारी विभाग की जिम्मेदारी संभालेंगे। एमटीबी नागराज नगर प्रशासन व लघु उद्योग विभाग का कामकाज देखेंगे।
नारायण गौडा को रेशम विभाग, युवा सशक्तिकरण तथा खेल विभाग दिया गया है। शंकर पाटिल मुनेनाकोप्पा को हथकरघा व वस्त्र विभाग तो मुनिरत्न को बागवानी एवं योजना विभाग का मंत्री बनाया गया है। अपने विभाग को लेकर खुलेतौर पर नाखुशी जाहिर करने वाले एमटीबी नागराज और आनंद सिंह कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन छोड़कर 2019 में भाजपा में शामिल हुए थे। नागराज ने ट्वीट किया, “पूर्व मुख्यमंत्री बीएसवाई (येदियुरप्पा) और मौजूदा मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने अपना वादा नहीं निभाया। मैं मुझे दिए गए विभाग से खुश नहीं हूं। अगले 2-3 दिनों में इस बारे में फैसला लूंगा।” उनके पास पिछली सरकार में भी नगर प्रशासन मंत्रालय था और इस बार भी उन्हें यह दिया गया है, इसके अलावा लघु उद्योग और सार्वजनिक क्षेत्र उद्योग की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी उन्हें सौंपी गई है।
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आनंद सिंह ने भी उन्हें मिले विभाग पर असंतोष व्यक्त किया। उन्हें पर्यावरण, परिस्थितिकी और पर्यटन विभाग दिया गया है। उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में मुख्यमंत्री से मिलेंगे लेकिन ऐसे कोई कदम नहीं उठाएंगे जिससे पार्टी को शर्मिंदगी हो। उन्होंने कहा, “मैंने इसके लिये नहीं कहा था, मैंने पार्टी नेतृत्व से अनुरोध किया था। मैं सिर्फ यही कह सकता हूं कि मेरे अनुरोध पर विचार नहीं किया गया, लेकिन इसके खिलाफ कोई टिप्पणी या आलोचना नहीं कर सकता। मैं मुख्यमंत्री से मिलने की योजना बना रहा हूं और उनसे फिर अनुरोध करूंगा।” उन्होंने हालांकि यह नहीं बताया कि वह अपने लिये कौन सा विभाग चाह रहे थे। सिंह के बयान पर टिप्पणी करते हुए बोम्मई ने कहा, “मैं उन्हें बुलाकर बात करूंगा। वो मेरे अच्छे मित्र हैं।” बाद में हुब्बाली में यह पूछे जाने पर कि सिंह ने किस मंत्रालय के लिए इच्छा व्यक्त की थी, मुख्यमंत्री नेक हा, “स्वाभाविक रूप से हर किसी की इच्छा होती है (खास मंत्रालय की), इसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता…हर किसी को वो विभाग नहीं मिल सकता जो वो चाहते हैं। मैं उनसे बात करूंगा।” नए चेहरों को अहम विभाग दिए जाने के बारे पूछने पर बोम्मई ने कहा कि यह नया बदलाव लाने की मंशा से किया गया है।
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