कोरोना से लड़ाई के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल लेंगे निजी अस्पतालों की मदद
इस संबंध में एक सूत्र ने कहा, ‘‘सरकारी अस्पतालों में अन्य बीमारियों के मरीजों के इलाज को रोका नहीं जा सकता। इसके मद्देनजर निजी अस्पतालों का इसके लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।''
राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस के मरीजों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर उपराज्यपाल अनिल बैजल ने स्वास्थ्य विभाग को ऐसे निजी अस्पतालों की पहचान करने का निर्देश दिया है जिन्हें कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए सरकार द्वारा नियंत्रण में लिया जा सकता है। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार के पास सीमित संसाधन हैं और इसलिए कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए निजी अस्पतालों के आईसीयू वार्ड, बिस्तरों और अन्य चीजों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
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इस संबंध में एक सूत्र ने कहा, ‘‘सरकारी अस्पतालों में अन्य बीमारियों के मरीजों के इलाज को रोका नहीं जा सकता। इसके मद्देनजर निजी अस्पतालों का इसके लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।’’ संबंधित एक सूत्र ने कहा, ‘‘हालिया बैठक में उपराज्यपाल ने अधिकारियों को निजी अस्पतालों की सूची बनाने के निर्देश दिए जिन्हें जरूरत पड़ने पर सरकार द्वारा नियंत्रण में लिया जा सकता है और उनके ढांचे को कोविड-19 के रोगियों के उपचार में इस्तेमाल किया जा सकता है। सरकार इन अस्पतालों में भर्ती कोरोना वायरस के मरीजों को उपचार उपलब्ध कराएगी।’’ देश में रविवार सुबह तक सामने आए कोविड-19 के 3,374 मामलों में से महाराष्ट्र (490) और तमिलनाडु (485) के बाद दिल्ली में संक्रमण के सर्वाधिक 445 मामले हैं। दिल्ली में संक्रमित लोगों में 300 से अधिक का संबंध निजामुद्दीन मरकज में एकत्र हुई भीड़ से है। यह (मरकज) देश में कोरोना संक्रमण के बड़े केंद्र के रूप में सामने आया है।
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