चीन के साथ गतिरोध पर देश को बरगला रहे हैं और भ्रम फैला रहे हैं रक्षा मंत्री: कांग्रेस
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को संसद के दोनों सदनों को बताया कि चीन के साथ पैंगोंग झील के उत्तर एवं दक्षिण किनारों पर सेनाओं के पीछे हटने का समझौता हो गया है और भारत ने इस बातचीत में कुछ भी खोया नहीं है।
गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को संसद के दोनों सदनों को बताया कि चीन के साथ पैंगोंग झील के उत्तर एवं दक्षिण किनारों पर सेनाओं के पीछे हटने का समझौता हो गया है और भारत ने इस बातचीत में कुछ भी खोया नहीं है। सिंह ने कहा कि पैंगोंग झील क्षेत्र में चीन के साथ सेनाओं के पीछे हटने का जो समझौता हुआ है उसके अनुसार दोनों पक्ष अग्रिम तैनाती चरणबद्ध, समन्वय और सत्यापन के तरीके से हटाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि अभी भी पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनाती तथा गश्ती के बारे में ‘‘कुछ लंबित मुद्दे’’ बचे हुए हैं जिन्हें आगे की बातचीत में रखा जाएगा। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान जारी कर आरोप लगाया, ‘‘56 इंची प्रधानमंत्री और उनकी सरकार, ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ व भारत की ‘भूभागीय अखंडता’ से षड्यंत्रकारी खिलवाड़ कर रहे हैं। पूर्वी लद्दाख में चीनी घुसपैठ को लेकर संसद में आज दिए गए रक्षामंत्री के बयान से यह साबित हो जाता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी ने न तो ‘‘चीन’’ शब्द का इस्तेमाल किया और न ही डेपसांग प्लेंस, गोगरा हॉट स्प्रिंग सेक्टर, पैंगोंग सो लेक एरिया और चुमुर, दक्षिणी लद्दाख से चीनी घुसपैठ को खदेड़ने के बारे में कोई नीति या समय सीमा निर्धारित की। यही नहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह उल्टा भ्रम फैला रहे हैं और बरगला रहे हैं।’’No status quo ante = No peace & tranquility.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 11, 2021
Why is GOI insulting the sacrifice of our jawans & letting go of our territory?
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सुरजेवाला के मुताबिक, रक्षा मंत्री को बताना चाहिए कि कब तक उपरोक्त इलाकों पर चीनी सेना का अतिक्रमण और घुसपैठ खत्म कर दी जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार और रक्षा मंत्री देश को यह नहीं बता रहे कि कब तक अप्रैल, 2020 से पहले की यथास्थिति की बहाली हो जाएगी।’’ कांग्रेस महासचिव ने सवाल किया, ‘‘क्या प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री, भारत की भूभागीय अखंडता की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी की संपूर्ण विफलता का कारण बताएंगे? क्या मोदी सरकार जवाब देगी कि वो केवल पैंगोंग सो लेक इलाके से ही ‘डिसइंगेज़मेंट’ का समझौता क्यों कर रही है और वो भी भारत के हितों पर कुठाराघात करके तथा भारत के हितों के विरुद्ध एलएसी की रूपरेखा को बदलकर?’’ उन्होंने कहा कि दशकों से पैंगोंग झील वाले इलाके के उत्तरी किनारे पर भारत का फिंगर 4 तक कब्जा है व भारतीय सेना फिंगर 8 तक पैट्रोलिंग करती आई है। भारत ने सदैव फिंगर 8 को भारत और चीन के बीच एलएसी माना है। आज के रक्षामंत्री के बयान के मुताबिक भारतीय सेना अब फिंगर 3 तक सीमित हो जाएगी।
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