जगन रेड्डी के 'क्षमा अनुष्ठान' पर बीजेपी ने उठाए सवाल, कहा- तिरुमाला मंदिर में प्रवेश से पहले अपना धर्मा करें घोषित

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ANI
अभिनय आकाश । Sep 26 2024 3:58PM

आंध्र प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दग्गुबाती पुरंदेश्वरी ने कहा कि आंध्र प्रदेश राजस्व बंदोबस्ती नियम 16 ​​और टीटीडी सामान्य विनियम नियम 136 के अनुसार, गैर-हिंदुओं को दर्शन से पहले वैकुंठम कतार परिसर में घोषणा पत्र प्रस्तुत करना होगा।

तिरुपति लड्डू विवाद के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गुरुवार को मांग की कि आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी को 28 सितंबर को अपनी प्रस्तावित यात्रा के दौरान तिरुमाला मंदिर में प्रवेश करने से पहले अपना धर्म घोषित करना चाहिए। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने रिपोर्टों का हवाला देते हुए दावा किया है कि रेड्डी के शासन के दौरान तिरुपति लड्डू की तैयारी में पशु वसा का इस्तेमाल किया जा रहा था। आंध्र प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दग्गुबाती पुरंदेश्वरी ने कहा कि आंध्र प्रदेश राजस्व बंदोबस्ती नियम 16 ​​और टीटीडी सामान्य विनियम नियम 136 के अनुसार, गैर-हिंदुओं को दर्शन से पहले वैकुंठम कतार परिसर में घोषणा पत्र प्रस्तुत करना होगा।

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भाजपा नेता ने जोर देकर कहा कि जगन रेड्डी को तिरुमाला दर्शन शुरू करने से पहले अलीपीरी की गरुड़ प्रतिमा पर ही घोषणा पत्र प्रस्तुत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें बताया गया है कि जगन मोहन रेड्डी इस महीने की 28 तारीख को तिरुमाला जाने का इरादा रखते हैं। तिरुमाला में दशकों से अपनी आस्था की घोषणा करने की प्रथा प्रचलित है। एपी राजस्व बंदोबस्ती-1 के जीओ एमएस नंबर-311, नियम संख्या 16 के अनुसार, गैर-हिंदुओं को आस्था के रूप में दर्शन से पहले वैकुंठम कतार परिसर में घोषणा करनी चाहिए। यह टीटीडी सामान्य विनियमन नियम 136 के अनुसार भी है। भाजपा मांग करती है कि जगन रेड्डी तिरुमाला पर चढ़ने से पहले ही अलीपीरी में गरुड़ प्रतिमा के पास अपनी आस्था की घोषणा कर दें। 

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आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआरसीपी ने तिरुपति बालाजी मंदिर के लिए प्रसाद लड्डू बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले घी में मिलावट को लेकर मचे राजनीतिक बवाल के बीच राज्य के सभी मंदिरों में पूजा करने का आह्वान किया। वाईएसआरसीपी ने कहा है कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम की पवित्रता को बहाल करने के लिए पूजा की जाएगी। यह 23 सितंबर को तिरुपति मंदिर में चार घंटे के शांति होमम पंचगव्य प्रोक्षण (अनुष्ठान संबंधी पवित्रीकरण) के बाद हुआ है। 

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