भारत में कोरोना के मरीजों की संख्या 606 हुयी, महाराष्ट्र में सर्वाधिक मरीज
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की देश भर में 118 प्रयोगशालायें कार्यरत हैं। अधिकारी ने बताया कि चिकित्सा संबंधी सुरक्षा उपकरणों का आयात बाधित होने के कारण पिछले कुछ दिनों में इनकी कमी महसूस की गयी है, लेकिन सरकार इस कमी को दूर करने के लिये कारगर प्रयास कर रही है।
उल्लेखनीय है कि मंत्रालय द्वारा बुधवार को सुबह दस लोगों की कोरोना वायरस के कारण मौत होने की जानकारी दी गयी थी लेकिन मृतकों में शामिल दिल्ली के एक मरीज की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं होने की पुष्टि के बाद मृतकों की संख्या नौ कर दी गयी। हालांकि बुधवार की शाम को महाराष्ट्र में एक मरीज की मौत होने के कारण मृतकों की संख्या दस हो गयी। मंत्रालय द्वारा जारी शाम सात बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र में कोरोना के संक्रमण से तीन मरीजों की मौत हुयी है, जबकि बिहार, कर्नाटक, गुजरात, पंजाब, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और हिमाचल प्रदेश में मृतकों की संख्या एक-एक है। कर्नाटक में 41, गुजरात में 38, उत्तर प्रदेश में 37, राजस्थान में 36, तेलंगाना में 35, दिल्ली में 31, पंजाब में 29 और हरियाणा में 28 मरीजों में कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि स्थिति को नियंत्रण में करने के लिये देशव्यापी लॉकडाउन (बंद) के बीच वायरस के परीक्षण और चिकित्सा सुविधाओं को व्यापक तौर पर प्रभावी बनाने के उपाय सुनिश्चित किये गये हैं।Total number of #COVID19 positive cases rise to 606 in India (including 553 active cases, 42 cured/discharged people and 10 deaths): Ministry of Health and Family Welfare pic.twitter.com/3hAMhCFRMI
— ANI (@ANI) March 25, 2020
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उन्होंने बताया कि इसके तहत चिकित्साकर्मियों के लिये एन 95 मास्क सहित अन्य जरूरी सुरक्षा उपकरणों की आपूर्ति को भी सुनिश्चित किया जा रहा है। साथ ही इस वायरस के संक्रमण के परीक्षण के लिये पूरे देश में 29 निजी प्रयोगशालाओं और 1600 सेंपल कलेक्शन केन्द्रों का भी पंजीकरण किया गया है। इस बीच भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की देश भर में 118 प्रयोगशालायें कार्यरत हैं। अधिकारी ने बताया कि चिकित्सा संबंधी सुरक्षा उपकरणों का आयात बाधित होने के कारण पिछले कुछ दिनों में इनकी कमी महसूस की गयी है, लेकिन सरकार इस कमी को दूर करने के लिये कारगर प्रयास कर रही है। उन्होंने लॉकडाउन (बंद) को ही स्थिति को नियंत्रित करने का एकमात्र उपाय बताते हुये कहा कि गृह मंत्रालय द्वारा एक नियंत्रण कक्ष के माध्यम से बंद का पालन सुनिश्चित कराने पर निरंतर निगरानी की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये 21 दिन तक देशव्यापी बंद की घोषणा की थी।
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