कांग्रेस ने पंजाब विधानसभा में पास हुए विधेयकों को बताया ऐतिहासिक कदम, कहा- केंद्र के पास ‘गलती’ सुधारने का अवसर
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ‘‘हमने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आदेश के मुताबिक एक आदर्श विधेयक का मसौदा तैयार किया था और सुझाव के तौर पर कांग्रेस शासित राज्यों के पास भेजा गया था। पंजाब ने इसको लेकर पहल की और विधेयक पारित किए।’’
नयी दिल्ली। कांग्रेस ने केंद्रीय कृषि कानूनों को निष्प्रभावी करने के मकसद से पंजाब विधानसभा में चार विधेयकों को पारित किए जाने को मंगलवार को ऐतिहासिक कदम करार दिया और कहा कि पंजाब ने नरेंद्र मोदी सरकार को अपनी ‘गलती’ सुधारने का मौका दिया है। पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने यह भी कहा कि अगर पंजाब के विधेयकों को अटकाने की कोशिश होती है तो किसानों के प्रति भाजपा सरकार की असंवेदनशीलता को पूरा देश देखेगा। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पंजाब की विधानसभा में कृषि विधेयकों को पारित किए जाने के कारण आज एक ऐतिहासिक दिन है। यह सकारात्मक दिशा में रचा गया इतिहास है।’’ सिंघवी ने कहा, ‘‘हमने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आदेश के मुताबिक एक आदर्श विधेयक का मसौदा तैयार किया था और सुझाव के तौर पर कांग्रेस शासित राज्यों के पास भेजा गया था। पंजाब ने इसको लेकर पहल की और विधेयक पारित किए।’’ उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार ने अहंकार का परिचय देते हुए हालिया संसद सत्र के दौरान कृषि विधेयकों को पारित किया और यह सब नियमों का उल्लंघन करते हुए किया गया।
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कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ भाजपा सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य को वैकल्पिक बनाकर इसे खत्म करने का प्रयास किया। इस पर सरकार की तरफ से अब तक जवाब नहीं दिया गया है।’’ पंजाब के विधेयकों के कानूनी विवाद में अटकने की आशंका संबंधी सवाल पर सिंघवी ने कहा, ‘‘यह भाजपा सरकार के हाथ में है कि ये विधेयक अटकेंगे या नहीं। मेरा मानना है कि पंजाब ने मोदी जी और उनकी सरकार को एक मौका दिया है कि गलती सुधारें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ अगर केंद्र सरकार अहंकार और जिद छोड़ दे तो यह उसके लिए गलती सुधारने का अवसर है। अगर वह अहंकार नहीं छोड़ती है तो किसानों के प्रति उसकी असंवेदनशीलता को पूरा देश देखेगा।’’ पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने कहा कि पंजाब खेती-किसान को लेकर कुछ बोलता है तो पूरा देश सुनता है और एक बार फिर उसने अपनी बात की है तो देश जरूर सुनेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा के अतिरिक्त सभी दलों के विधायकों ने इन विधेयकों को लेकर राज्यपाल से मुलाकात की थी और उन्होंने इन पर सकारात्मक कदम उठाने का भरोसा दिया है। गौरतलब है कि पंजाब विधानसभा ने मंगलवार को चार विधेयक सर्वसम्मति से पारित करने के साथ ही केंद्र के कृषि संबंधी कानूनों के खिलाफ एक प्रस्ताव भी पारित किया। विपक्षी शिरोमणि अकाली दल, आप और लोक इंसाफ के विधायकों ने विधेयकों का समर्थन किया। राज्य सरकार के इन विधेयकों में किसी कृषि समझौते के तहत गेहूं या धान की बिक्री या खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर करने पर सजा और जुर्माने का प्रावधान करता है। इसमें कम से तीन वर्ष की कैद का प्रावधान है।
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