कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी, कहा- राजनीति से दूर रखें सेना को
उन्होंने यह भी बताया कि यह केंद्रीय सिविल सेवा आचरण नियम 1964 का भी उल्लंघन है जिसमें निर्देश दिया गया है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी राजनीतिक गतिविधि में हिस्सा नहीं ले सकता है। सरकारी कर्मचारियों को उपलब्धियां का प्रदर्शन करने के लिए केंद्र सरकार ने राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में बदल दिया है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में उन्होंने सशस्त्र बलों के राजनीतिकरण को बढ़ावा न दिए जाने की मांग की है। चिट्ठी के जरिए उन्होंने कहा कि नौकरशाही और सशस्त्र बलों के राजनीतिकरण को बढ़ावा देने वाले आदेश तत्काल रूप से वापस लिए जाने चाहिए।
इस चिट्ठी में मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया है कि सरकार की सभी एजेंसियां, संस्थान विभाग आदि मोदी सरकार के प्रचारक के तौर पर पेश होने लगे हैं। इस दौरान मल्लिकार्जुन खड़की ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर कहा है कि भारत सरकार के संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव जैसे कई पदों पर तैनात अधिकारियों को देश के सभी 765 जिलों में तैनात किया गया है ताकि वो केंद्र सरकार की उपलब्धियों का गुणगान कर सके। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह कदम बेहद चिंताजनक है।
साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि यह केंद्रीय सिविल सेवा आचरण नियम 1964 का भी उल्लंघन है जिसमें निर्देश दिया गया है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी राजनीतिक गतिविधि में हिस्सा नहीं ले सकता है। सरकारी कर्मचारियों को उपलब्धियां का प्रदर्शन करने के लिए केंद्र सरकार ने राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में बदल दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की यह एक राजनीतिक व्यवस्था है ताकि पांच राज्यों के चुनावों और 2024 के आम चुनावों में लाभ हो सके। उन्होंने कहा कि सरकार की मार्केटिंग गतिविधियों के लिए विभागों के सीनियर अफसरों को लगाया जा रहा है, ऐसे में हमारे देश का शासन अगले छह महीनों के लिए रुक जाएगा।
सैनिकों लेकर जाहिर की चिंता
इस पत्र में मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि वार्षिक छुट्टी पर गए सैनिकों को सरकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार करने के लिए समय बिताने के निर्देश दिए गए है। इस संबंध में रक्षा मंत्रालय ने आदेश पारित किया है। इसका विरोध करते हुए खड़गे ने कहा कि सैनिकों का काम देऱश की रक्षा करना है ना की सरकारी योजनाओं को बढ़ावा देना।
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