कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले की जांच कर रहे आयोग फडणवीस को समन करे : प्रकाश अंबेडकर
बहुजन विकास आघाडी (बीवीए) के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने जनवरी 2018 में कोरेगांव-भीमा हिंसा की जांच कर रहे आयोग से महाराष्ट्र के मौजूदा उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को समन करने की मांग की है।
पुणे। बहुजन विकास आघाडी (बीवीए) के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने जनवरी 2018 में कोरेगांव-भीमा हिंसा की जांच कर रहे आयोग से महाराष्ट्र के मौजूदा उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को समन करने की मांग की है। अंबेडकर चाहते हैं कि फडणवीस से भी पूछताछ की जाए जो घटना के समय राज्य के मुख्यमंत्री थे और उन्होंने इस संबंध में आयोग को पिछले सप्ताह एक चिट्ठी लिखी है। अंबेडकर ने तत्कालीन अपर मुख्य सचिव सुमित मलिक और उस समय के पुणे के पुलिस अधीक्षक सुवेज हक को भी समन करने की मांग की है।
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उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘मुझे पेश होने के लिए कहने से पहले मैं चाहूंगा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, तत्कालीन अपर मुख्य सचिव सुमित मलिक और पुणे के पुलिस अधीक्षक सुवेज हक से पूछताछ की जाए। आयोग से अनुरोध है कि इसी क्रम में (पूछताछ की)व्यवस्था की जाए। ’’ आयोग ने अंबेडकर को पांच जून को पेश होने को कहा था लेकिन उन्होंने पत्र में सूचित किया कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम की वजह से उक्त दिवस पर वह मुंबई में नहीं रहेंगे लेकिन 14 और 15 जून को उपस्थित हो सकते हैं।
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मलिक अब आयोग के एकमात्र सदस्य हैं जिसके अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जे.एन.पटेल हैं। गौरतलब है कि वर्ष 2018 में पुणे के कोरेगांव-भीमा स्थित युद्ध स्मारक पर 1818 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और पुणे के पेशवा के बीच हुए युद्ध की 200वीं सालगिरह मनाने के दौरान हिंसा भड़क गई थी। उस युद्ध में पेशवा की हार हुई थी और दलित समुदाय इस दिवस को मनाता है क्योंकि लड़ाई में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया की फौज में महार समुदाय के सैनिक भी शामिल थे।
कुछ दक्षिणपंथी संगठनों ने वर्ष 2018 के समारोह का विरोध किया था। इस बीच, अंबेडकर की मांग को लेकर मंगलवार को नागपुर में जब दलित नेता और केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह आयोग का विशेषाधिकार है कि किसे समन किया जाए। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के नेता ने कहा कि फडणवीस ने हिंसा के दौरान मुख्यमंत्री के तौर पर कानून व्यवस्था संभालने के लिए काम किया और निश्चित रूप से समन आने पर वह आयोग के समक्ष पेश होंगे।
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