रेलवे स्टेशन आगजनी मामले में कोचिंग संस्थानों पर संदेह, 46 लोग गिरफ्तार
सेना में भर्ती की अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर 17 जून को हुई आगजनी और हिंसा के सिलसिले में करीब 46 लोगों को गिफ्तार किया गया है। राजकीय रेलवे पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां रविवार को यह जानकारी दी।
हैदराबाद। सेना में भर्ती की अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर 17 जून को हुई आगजनी और हिंसा के सिलसिले में करीब 46 लोगों को गिफ्तार किया गया है। राजकीय रेलवे पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां रविवार को यह जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक (जीआरपी) अनुराधा ने संवाददाताओं से कहा कि हिंसा के लिए कुछ सेना भर्ती कोचिंग अकादमियों ने प्रदर्शनकारियों को कथित तौर पर उकसाया था। उन्होंने कहा कि शुरूआत में करीब 300 लोग गेट संख्या तीन से स्टेशन में घुसे।
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अधिकारी ने बताया कि अचानक से यह संख्या बढ़ कर 2,000 हो गई और कुछ के हाथों में डंडे, सरिया और पेट्रोल के डिब्बे थे। अधिकारी ने कहा कि इन लोगों ने रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया और ट्रेन के डिब्बे में आग लगायी गई तथा पुलिस पर पथराव किया। उन्होंने कहा कि जैसे ही उन्होंने इंजनों को जलाने का प्रयास किया आरपीएफ कर्मियों ने हवा में गोलियां चलाईं और प्रदर्शनकारियों को इंजनों को नहीं जलाने की चेतावनी दी। उन्होंने बताया कि 20 गोली चलायी गई। अनुराधा ने कहा कि जनता, यात्रियों, पुलिस और प्रदर्शनकारियों की जान बचाने के लिए आरपीएफ कर्मियों ने भीड़ पर गोलियां चला दीं। उन्होंने बताया कि स्टेशन पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षाकर्मियों द्वारा की गई गोलीमारी में 24 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई और 13 अन्य घायल हो गए।
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पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच के आधार पर यह पाया गया कि युवा सेना में भर्ती के लिए ‘फिजिकल टेस्ट’ में चयनित हो गये थे और लिखित परीक्षा के लिए तैयार थे, जो कोविड-19 महामारी के चलते छह बार टाल दी गई थी। अनुराधा ने कहा कि यह पता चला कि अकादमियों ने सेना में भर्ती के आकांक्षी युवाओं को निर्देश दिया था कि अगर वे बिहार की तरह हिंसा (रेलवे स्टेशन पर) में लिप्त होकर मामले को केंद्र सरकार के संज्ञान में लाते हैं तो उन्हें इसका समाधान मिलेगा। अधिकारी ने कहा कि इसे हासिल करने के लिए, प्रदर्शनकारियों ने सोशल मीडिया समूहों का गठन किया, जिसके माध्यम से उन्होंने अग्निपथ के बारे में यह कहकर संदेश प्रसारित किया कि इससे सेना में उनके रोजगार की संभावनाओं को नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि तदनुसार, प्रदर्शनकारियों ने 16 जून को विभिन्न सोशल मीडिया समूहों में केंद्र सरकार के संगठनों, मुख्य रूप से रेलवे स्टेशनों पर हमला करने के लिए संदेश प्रसारित किए। उन्होंने कहा कि बाद में, उत्तेजित सेना में भर्ती के आकांक्षी युवा 17 जून को सुबह 8.30 बजे सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर इकट्ठा हुए, जिसका एकमात्र उद्देश्य इसे लक्षित करना था। अधिकारी ने कहा कि बाद में उन्होंने स्टेशन पर तोड़फोड़ की।
अनुराधा ने कहा कि सेना भर्ती कोचिंग अकादमियों द्वारा एक बड़ी साजिश है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि असली साजिशकर्ताओं, भड़काने वालों और रक्षा अकादमी के मालिकों का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है और उनकी पहचान करने के लिए जांच जारी है। सेना के एक पूर्व जवान के बारे में पूछे जाने पर, जो अब भर्ती के लिए आकांक्षी युवओं के लिए अकादमी प्रशिक्षण चला रहा है और शनिवार को आंध्र प्रदेश पुलिस द्वारा कथित तौर पर हिंसा का मास्टरमाइंड होने के आरोप में पकड़ा गया था, पुलिस अधिकारी ने कहा, हम पूछताछ कर रहे हैं ... विवरण की प्रतीक्षा है। एक बार उसकी भूमिका स्थापित हो जाने के बाद, उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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