Uttarakhand Cloudburst | केदारनाथ में फिर से फटा बादल, आठ लोगों की मौत, मंदाकिनी नदी के उफान से टूटी सड़के, मंदिरों की यात्रा को किया जा सकता है स्थगित
भारी बारिश के कारण रुद्रप्रयाग प्रशासन ने यात्रियों से बृहस्पतिवार को अपनी केदारनाथ यात्रा स्थगित करने को कहा है। वहीं, उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों पर बुधवार से वर्षा संबंधी घटनाओं में आठ व्यक्तियों की मृत्यु हो गयी और करीब छह अन्य लोग घायल हो गए हैं।
देहरादून। सावन में भगवान शिव के मंदिरों में भक्तों का सैलाब उमड़ आता है लेकिन शायद प्रकृति भक्तों की भावनाओं को नहीं समझती वह मानसून में अपने विकराल रूप में आ जाता है। तेज बारिश और बादल फटने के कारण लोगों से अनुरोध किया गया है कि वह केदारनाथ के दर्शन के लिए फिलहाल न आये क्योंकि हालात काफी खराब हो गये हैं। होटलों को खाली कराया जा रहा है वहीं रास्ते भी बारिश के कारण टूट गये हैं। 2013 में केदारनाथ में प्रलय लाने वाली मंदाकिनी नदी भी उफान पर है। ऐसे में यात्रा को रोका जा सकता है।
प्रशासन ने केदारनाथ यात्रा स्थगित करने का अनुरोध किया
भारी बारिश के कारण रुद्रप्रयाग प्रशासन ने यात्रियों से बृहस्पतिवार को अपनी केदारनाथ यात्रा स्थगित करने को कहा है। वहीं, उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों पर बुधवार से वर्षा संबंधी घटनाओं में आठ व्यक्तियों की मृत्यु हो गयी और करीब छह अन्य लोग घायल हो गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में बारिश से बिगड़े हालात की समीक्षा की तथा कहा कि प्रदेशवासियों और राज्य के बाहर से आए यात्रियों की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि प्रभावित स्थानों पर बचाव दलों ने रात भर अभियान चलाकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि रायपुर क्षेत्र की एक नहर में बुधवार रात दो व्यक्ति डूब गए। उन्होंने बताया कि उनके शव बरामद कर लिए गए हैं जिनकी पहचान सुंदर सिंह और अर्जुन सिंह राणा के रूप में हुई है।
हरिद्वार जिले में रूड़की क्षेत्र के भारपुर गांव में भारी बारिश से एक मकान ढह गया जिससे उसके मलबे के नीचे दबने से तीन व्यक्तियों की मृत्यु हो गयी तथा करीब छह लोग घायल हो गए। टिहरी जिले के घनसाली के जखनयाली गांव में बादल फटने से एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मृत्यु हो गयी। टिहरी के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी बृजेश भट्ट ने बताया कि मलबे से भानु प्रसाद (50) और उनकी पत्नी नीलम देवी (45) के शव बरामद हुए जबकि उनके पुत्र विपिन (28) को घायल अवस्था में निकाला गया। उन्होंने बताया कि देर रात करीब दो बजे सांस लेने में शिकायत के कारण विपिन को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), ऋषिकेश ले जाया जा रहा था लेकिन देर रात उसने दम तोड़ दिया।
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तीर्थयात्रियों के लिए एक परामर्श जारी
रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन की ओर से केदारनाथ दर्शन के लिए रुद्रप्रयाग तक पहुंचे तीर्थयात्रियों के लिए एक परामर्श जारी किया गया है जिसमें उनसे कहा गया है कि वे फिलहाल जहां भी हैं, सुरक्षित रूके रहें और अपनी केदारनाथ धाम यात्रा को स्थगित कर दें। परामर्श में कहा गया है कि इस समय सोनप्रयाग से आगे मोटरमार्ग और पैदल मार्ग की स्थिति बिल्कुल भी सही नहीं है। मार्ग सही होने व यात्रा के सुचारू होने की सूचना अलग से दी जाएगी। बीती रात भारी बारिश के कारण गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल रास्ते पर भीमबली में 20-25 मीटर का मार्ग बह गया तथा पहाड़ी से बड़े-बड़े पत्थर गिरकर रास्ते में आ गए हैं। प्रदेश के आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि इस दौरान वहां फंस गए करीब 200 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। इसके अलावा, सोनप्रयाग में मंदाकिनी नदी का जल चेतावनी स्तर के आसपास होने के कारण पार्किंग क्षेत्र को खाली करा लिया गया है।
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मौसम विभाग से मिली सूचना के अनुसार, देहरादून में ही पिछले 24 घंटों में 172 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी है। राज्य में अतिवृष्टि की स्वयं निगरानी कर रहे मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सतर्क रहने को कहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासी और राज्य में आने वाले यात्रियों की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में धामी ने कहा कि प्रदेश में बुधवार रात हुई भारी बारिश के कारण कई स्थानों पर जनजीवन प्रभावित होने की सूचना मिली तथा बचाव दलों ने रात भर अभियान चलाकर लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। उन्होंने कहा, ‘‘रामबाड़ा, भीमबली, जखनयाली व अन्य अधिक प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य संचालित किए जा रहे हैं। प्रशासन के साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी बात कर वस्तुस्थिति की जानकारी ले रहा हूं। प्रशासन को नुकसान का आकलन कर त्वरित रूप से कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
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