गलवान से गोगरा ऐसे पीछे हटा चीन, हॉटस्प्रिंग्स, देपसांग और देमचोक पर नजर
चीन के बारे में कहा जाता है कि वो जहां एक बार चला जाता है वहां से पीछे नहीं हटता है। लेकिन भारत के साथ इस तनाव में न सिर्फ चीन पीछे हटा। बल्कि कई जगह पर गलवान और कैलाश रेंज में भी चीन को पीछे धकेलना भारत की उपलब्धि मानी जाएगी।
भारत और चीन की सेना के बीच 12वें दौर की वार्ता के बाद अब चीन के तेवर डीले पड़ गए हैं। अब चीन पूर्वी लद्दाख से पेट्रोलिंग प्वाइंट 17ए यानी गोगरा से अपनी सेना को पीछे हटाने को राजी हो गया है। पूर्वी लद्दाख के इस प्वाइंट पर एक साल तीन महीने बाद डिसइंगेजमेंट हुआ है। पिछले 15 महीने तक दोनों देश की सेना आमने-सामने थी। जिसके बाद डिसइंगजेमेंट को चीन राजी हो गया है। इसके अलाना अस्थायी बुनियादी ढांचे भी चीन ने वहां से हटा दिया है। बारह दौर की बातचीत के बाद चीन की सेना पीछे हटी है। दोनों पक्षों ने पीपी-17 ए में एक बफर जोन बनाया है, जहां दोनों पक्षों द्वारा गश्त नहीं की जाएगी।
गलवान में डिसइंगेजमेंट के बाद पीपी-14 में बफर जोन बनाया गया
गोगरा में सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया दोनों पक्षों द्वारा पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी तटों के इलाकों में इसी तरह का कार्य किये जाने के पांच महीने बाद की गई है, जहां उन्होंने टकराव वाले स्थानों से सैनिकों और हथियारों को हटाया था। मई के महीने में गलवान घाटी में डिसइंगेजमेंट के बाद पीपी-14 में बफर जोन बनाया गया था। उससे पहले पैंगोंग त्सो -कैलाश रेंज क्षेत्र में भी डिसइंगेजमेंट प्रोसेस पूरी होने के बाद बफर जोन बनाए गए थे।
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क्यों अहम है ये डिसइंगेजमेंट
चीन के बारे में कहा जाता है कि वो जहां एक बार चला जाता है वहां से पीछे नहीं हटता है। लेकिन भारत के साथ इस तनाव में न सिर्फ चीन पीछे हटा। बल्कि कई जगह पर गलवान और कैलाश रेंज में भी चीन को पीछे धकेलना भारत की उपलब्धि मानी जाएगी।
हॉटस्प्रिंग्स, देपसांग और देमचोक पर नजर
31 जुलाई यानी शनिवार को भारत चीन के बीच कमांडर लेवल की वार्ता हुई। ये दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच 12वें दौर की वार्ता थी, जो कि करीब नौ घंटे चली। इस दौरान फोकस इस बात पर ही रहा कि पूर्वी लद्दाख में दोनों सेनाएं किस तरह करीब सवा साल से जारी गतिरोध को खत्म करे और डिसइंगेजमेंट की प्रोसेस को शुरू करें। पेट्रोलिंग प्वाइंट 17ए (पीपी-17ए) पर सैनिकों को पीछे हटाये जाने की प्रक्रिया पूरी होने के साथ अब ध्यान हॉटस्प्रिंग्स, देपसांग और देमचोक पर होगा। यह क्षेत्र भारत के अपने एरिया के भीतर 18 किलोमीटर की दूरी पर है।
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