प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के लिए केंद्र सरकार करे ट्रेन और बसों की व्यवस्था: शिवसेना
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में कहा कि यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वह ऐसे श्रमिकों को घर पहुंचाने के लिए ट्रेन और बसों की व्यवस्था करे।
मुंबई। कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए लागू बंद के बीच शिवसेना ने सोमवार को कहा कि प्रवासी श्रमिकों को उनके घर भेजने का प्रबंध करने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है। शिवसेना ने कहा कि ऐसे कई श्रमिक मुंबई के झुग्गी क्षेत्र धारावी में रहते हैं जो कोरोना वायरस के अति प्रभावित क्षेत्रों में शामिल है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में कहा, ‘‘यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वह ऐसे श्रमिकों को घर पहुंचाने के लिए ट्रेन और बसों की व्यवस्था करे।’’ मराठी में प्रकाशित संपादकीय में कहा गया है कि अगर ये श्रमिक ऐसे ही सड़कों पर जमा होते रहे तो उनके स्वास्थ्य को खतरा पैदा हो सकता है। संपादकीय में कहा गया है कि केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारियों से पीछे नहीं हट सकती है।
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संपादकीय में कहा गया है, ‘हम उम्मीद करते हैं कि केंद्र सरकार ने जिस तरह की तत्परता गुजरात के पर्यटकों को उत्तराखंड के हरिद्वार से वापस लाने में दिखाई, वही तत्परता प्रवासी श्रमिकों के मामले में भी दिखाई जाएगी।’ संपादकीय में कहा गया है, ‘इन श्रमिकों को घर की याद आ रही है और अगर ये सड़कों पर जमा हुए तो पता नहीं क्या होगा।’ बिना किसी का नाम लिए हुए शिवसेना ने कहा कि उन्हें इस बात का डर है कि महाराष्ट्र में कुछ लोग तुच्छ राजनीतिक लाभ के लिए प्रवासी श्रमिकों को ‘उकसा’ रहे हैं। इस महीने की शुरुआत में सैंकड़ों की संख्या में प्रवासी श्रमिक मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर जमा हुए थे और प्रशासन से मांग की थी कि उन्हें घर भेजे जाने की व्यवस्था की जाए।
शिवसेना ने कहा कि महाराष्ट्र को स्टेशन पर जमा हुए श्रमिकों में से हर एक का संज्ञान लेना होगा और उन्हें घर भेजने संबंधी जरूरी प्रबंध करने की जरूरत है और यह भी सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में इन श्रमिकों के राज्य में वापसी के प्रयासों को ‘नाकाम’ किया जाए। शिवसेना ने कहा, ‘इन श्रमिकों को यह विश्वास करना चाहिए था कि राज्य उनके रहने और भोजन की व्यवस्था कर रहा है। अगर किसी और राज्य ने उनके लिए इतना कुछ किया है तो वह हमारे संज्ञान में लाएं।’ शिवसेना ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की हालिया टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री ने जो कहा वह बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि अगर ये लोग उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश लौटने की इच्छा रखते हैं तो ये अपना पेट कैसे भरेंगे? क्योंकि संकट के इस समय में पूरे देश में इन लोगों के लिए कोई काम नहीं है। गडकरी ने कहा था कि शहरों में रोजगार की तलाश में पलायन को कम करने के लिए ग्रामीण इलाकों में रोजगार सृजन की नीति की जरूरत है।
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