बंद का संज्ञान ले केंद्र सरकार, हर वर्ग दुखी: पायलट
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि सरकार को अपना अहम छोड़कर बात करनी चाहिए। आप संवाद नहीं करेंगे, समझाइश नहीं करेंगे, लोगों को समझने की कोशिश नहीं करेंगे तो ऐसे में लोकतंत्र का क्या अर्थ रह जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव जीतने का मतलब यह नहीं है कि आप सर्वेसर्वा हो गए हैं।
जयपुर। राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार को केंद्रीय श्रमिक संगठनों के ‘भारत बंद’का संज्ञान लेना चाहिए क्योंकि उसकी संवादहीनता के कारण देश का हर वर्ग दुखी है। कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में संवाददाताओं से बातचीत में पायलट ने देशव्यापी हड़ताल का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘हर वर्ग आज दुखी है, फिर चाहे वह सरकारी कर्मचारी हों, या मध्यम वर्ग, गरीब तबका या छात्र। सरकार को आज के बंद का संज्ञान लेना चाहिए। बंद या हड़ताल तब होती है जब सारे विकल्प विफल हो जाते हैं। मुझे लगता है कि केंद्र सरकार की तरफ से संवाद की बहुत कमी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जेएनयू में जो हो रहा है, पुलिस अलग-अलग विश्वविद्यालयों में जा रही है, वर्दी पहने लोग कॉलेज-विश्वविद्यालयों में दिख रहे हैं। ये किसी भी देश और लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है।’’
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि सरकार को अपना अहम छोड़कर बात करनी चाहिए। आप संवाद नहीं करेंगे, समझाइश नहीं करेंगे, लोगों को समझने की कोशिश नहीं करेंगे तो ऐसे में लोकतंत्र का क्या अर्थ रह जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव जीतने का मतलब यह नहीं है कि आप सर्वेसर्वा हो गए हैं। देश में संवादहीनता के कारण ऐसा माहौल बन गया है। लोग क्रोधित हैं, पीड़ित हैं और घुटन महसूस कर रहे हैं। मैं समझता हूं कि आज का बंद भी उसी का परिणाम है।’’ जेएनयू जाने के बाद अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की फिल्म का विरोध किए जाने पर पायलट ने कहा, ‘‘कोई नेता अगर किसी अभिनेता या अभिनेत्री की फिल्म नहीं देखने की बात करता है तो मैं उसकी निंदा करता हूं। मैं तो कहता हूं कि अब ज्यादा लोग इस फिल्म को देखेंगे। यह बहुत छोटी सोच है कि अगर कोई अभिनेता या अभिनेत्री आपके पक्ष में नहीं है तो आप उसकी फिल्मों के बायकॉट करने की बात करें।’’
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