केंद्र ने राज्यों से सर्पदंश के मामले को ‘सूचित करने योग्य बीमारी’ घोषित करने का किया अनुरोध

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सर्पदंश के हर संदिग्ध, संभावित मामले और उससे हुई मृत्यु की रिपोर्ट करना अनिवार्य हो जाए। पत्र में कहा गया है कि इस सिलसिले में अन्य लोगों के अलावा किसान और आदिवासी आबादी भी अधिक जोखिम में हैं।

केंद्र ने सभी राज्यों से सर्पदंश को ‘‘सूचित करने योग्य बीमारी’’ घोषित करने की अपील है और सभी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए ऐसे मामलों और मौत की सूचना देना अनिवार्य कर दिया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजे पत्र में कहा है कि सर्पदंश की घटनाएं सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता का विषय हैं और कुछ मामलों में, ये मृत्यु, रुग्णता और विकलांगता का कारण बनती हैं।

केंद्र ने राज्यों से अनुरोध किया है कि वे सर्पदंश को राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य कानूनों या अन्य मान्य कानूनों के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत ‘सूचित करने योग्य रोग’ घोषित करें, ताकि सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य सुविधाओं (मेडिकल कॉलेजों सहित) के लिए सर्पदंश के हर संदिग्ध, संभावित मामले और उससे हुई मृत्यु की रिपोर्ट करना अनिवार्य हो जाए। पत्र में कहा गया है कि इस सिलसिले में अन्य लोगों के अलावा किसान और आदिवासी आबादी भी अधिक जोखिम में हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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