सीबीआई अदालत ने ओडिशा रिश्वत मामले में गिरफ्तार तीन लोगों को जमानत दी
सीबीआई के अनुसार, आरोपी कार्य आदेश देने और बिलों को मंजूरी देने के सिलसिले में भ्रष्ट और अवैध गतिविधियों में शामिल थे। बाद में, केंद्रीय एजेंसी ने तीनों को आठ दिनों के लिए दो चरणों में हिरासत में लेकर पूछताछ की थी।
भुवनेश्वर की एक विशेष सीबीआई अदालत ने ओडिशा में रिश्वतखोरी के एक मामले में गिरफ्तार तीन लोगों को सशर्त जमानत दे दी। विशेष अदालत ने बुधवार को सार्वजनिक उपक्रम ‘ब्रिज एंड रूफ कंपनी (इंडिया) लिमिटेड’ के समूह महाप्रबंधक चंचल मुखर्जी और दो ठेकेदारों---संतोष मोहराणा एवं देबदत्ता महापात्रा को जमानत दी।
आरोपियों के अधिवक्ता शुभम सत्पथी ने बताया कि अदालत ने एक लाख रुपये के बांड और दो-दो मुचलकों पर जमानत मंजूर की। जमानत देते हुए अदालत ने शर्त लगायी कि आरोपी बिना उसकी अनुमति के भुवनेश्वर से बाहर नहीं जा सकेंगे।
अदालत ने यह भी कहा कि वे सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोशिश नहीं करेंगे और जांच में सहयोग करेंगे। सीबीआई ने सात दिसंबर की शाम शहर के एक होटल के बाहर तीनों को गिरफ्तार किया था और एक कार से 10 लाख रुपये जब्त किए थे।
सीबीआई के अनुसार, आरोपी कार्य आदेश देने और बिलों को मंजूरी देने के सिलसिले में भ्रष्ट और अवैध गतिविधियों में शामिल थे। बाद में, केंद्रीय एजेंसी ने तीनों को आठ दिनों के लिए दो चरणों में हिरासत में लेकर पूछताछ की थी।
गिरफ्तारी के बाद और जांच के दौरान, सीबीआई ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विष्णुपद सेठी सहित कई लोगों को भी तलब किया। इस बीच, ओडिशा सरकार ने कहा कि उसने सभी आवश्यक कदम उठाए हैं और मामले में सेठी की कथित संलिप्तता के बारे में सीबीआई की जांच के आधार पर आगे कदम उठाएगी। राज्य सरकार ने मंगलवार को सेठी को सामान्य प्रशासन एवं लोक शिकायत विभाग में विशेष कार्य अधिकारी के रूप में पदस्थापित किया।
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