चिदंबरम पर भाजपा का पलटवार, जावड़ेकर बोले- जमानत की शर्तों का किया उल्लंघन
जावड़ेकर ने कहा कि चिदंबरम के खिलाफ यही तो आरोप है कि उन्होंने मंत्री पद पर अपना कर्तव्य निभाते हुये भ्रष्टाचार किया, उनके खिलाफ यही तो मुकदमा है। चिदंबरम खुद ही स्वयं के निर्दोष होने का प्रमाणपत्र दे रहे हैं। यह अदालत की शर्तों का उल्लंघन है।
नयी दिल्ली। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बृहस्पतिवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम पर अदालत की जमानत शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुये कहा है कि उन्होंने जमानत पर रिहा होने के अगले दिन ही अदालत के फैसले पर टिप्पणी कर उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन किया है। जावड़ेकर ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं को बताया, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने चिदंबरम को जमानत देते हुये कहा था कि वह विचाराधीन मामले के बारे में कोई सार्वजनिक बयान नहीं देंगे, लेकिन चिदंबरम ने आज यह बयान दिया कि बतौर मंत्री उनका रिकॉर्ड बिल्कुल साफ है।’’
Union Minister Prakash Javadekar: P Chidambaram ji has violated his bail conditions on the very first day. The court had asked him to not give any public statement on the case as a condition for bail but Chidambaram ji today said that his record as a minster was very clear. pic.twitter.com/MI5PowFLzw
— ANI (@ANI) December 5, 2019
जावड़ेकर ने कहा, ‘‘चिदंबरम के खिलाफ यही तो आरोप है कि उन्होंने मंत्री पद पर अपना कर्तव्य निभाते हुये भ्रष्टाचार किया, उनके खिलाफ यही तो मुकदमा है। चिदंबरम खुद ही स्वयं के निर्दोष होने का प्रमाणपत्र दे रहे हैं। यह अदालत की शर्तों का उल्लंघन है।’’ जावड़ेकर ने चिदंबरम के जम्मू कश्मीर में आजादी नहीं होने के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा, ‘‘आजादी तो 1975 में नहीं थी जब देश में प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म करके सेंसरशिप लाया था। आज जम्मू कश्मीर में समाचार पत्रों का प्रकाशन और समाचार चैनलों का प्रसारण नियमित प्रसारण हो रहा है।’’ उन्होंने गृह मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल का हवाला देते हुये कहा, चिदंबरम जी के समय में कश्मीर जल रहा था। आज कश्मीर तरक्की के रास्ते पर चल रहा है।
अर्थव्यवस्था को बदहाली के दौर में बताये जाने के चिदंबरम के बयान पर जावड़ेकर ने कहा, ‘‘मैं एक ही बात पूछता हूं कि आपके समय में ऊंची मंहगाई दर पर धीमी आर्थिक वृद्धि दर वाली अर्थव्यवस्था थी। दस फीसदी से ज्यादा मंहगाई दर और पांच छह प्रतिशत वृद्धि दर थी। अब मंहगाई पिछले पांच वर्ष में चार फीसदी रही है, बाढ़ और असामयिक वर्षा के कारण प्याज का संकट तात्कालिक है।’’
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