आप की शिक्षा क्रांति को भाजपा ने बताया 2000 करोड़ का घोटाला

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अभिनय आकाश । Jul 2 2019 4:05PM

भाजपा द्वारा लगाए गए इतने बड़े आरोप पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया बिफर उठे और भाजपा को गिरफ्तार करने का चैलेंज देते हुए आरोप साबित करने को कहा और बोला कि अगर ऐसा नहीं है तो उन्हें राज्य के उन गरीब लोगों से ''माफी'' मांगनी चाहिये, जिनके बच्चे दिल्ली सरकार के विद्यालयों में गुणवत्ता परक शिक्षा हासिल कर रहे हैं।

नई दिल्ली। आरटीआई के लिए जागरूकता लाने और एंटी करप्शन मुहिम चलाने के लिए 2006 में अरविंद केजरीवाल को मेग्सेसे अवार्ड से सम्मानित किया गया था। लेकिन वर्तमान समय में भाजपा ने आरटीआई को ही आधार बनाते हुए केजरीवाल सरकार पर 2000 करोड़ रूपए के घोटाले करने का आरोप लगाया है। शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी की सरकार पर दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने आरटीआई से मिली जानकारी को आधार बनाकर नए क्लास रूम बनाने के मामले में 2000 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया है। भाजपा का दावा है कि जो क्लास रुम चार से पांच लाख रूपए में बन सकते थे उसके लिए 25 लाख रूपए दिए गए। यही नहीं आरोप लगे कि क्लास रुम बनाने के लिए जो ठेके दिए गए उसमें अपने करीबी लोगों को शामिल किया गया है। 

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भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चलाकर सत्ता में आई सरकार पर आरोप इतने बड़े लगे थे तो सामने भी किसी बड़े नेता का आना लाजिमी था। इस आरोप का जवाब देने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सामने आए और कहा कि दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी को गणित नहीं आती है और वो चाहते हैं कि गरीबों के बच्चों के लिए स्कूलों में अच्छी सुविधाएं ना मिले। सिसोदिया ने कहा कि जो पैसा मंजूर किया गया है उसमें सिर्फ क्लास ही नहीं स्कूल में दी जाने वाली अन्य सुविधाएं भी शामिल हैं। सिसोदिया ने भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा को चुनौती दी की पार्टी अपने शासित राज्यों में दस ऐसे स्कूल दिखा दे जो दिल्ली के सरकारी स्कूलों का मुकाबला कर सकते हैं। जेपी नड्डा ने बीते दिनों दावा किया था कि दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी उपहास का विषय बन गई है।

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दरअसल, यह पूरा मामला भाजपा की प्रेस कॉन्फ्रेंस से शुरू हुआ जब मनोज तिवारी ने आरटीआई से मिली जानकारी को आधार बनाकर आप सरकार पर आरोप लगाया कि जो स्कूल 3-4 लाख में बन सकते थे, उनके लिए दिल्ली सरकार ने 25-25 लाख रूपए दिए। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली के 241 सरकारी स्कूलों में 12748 क्लास रूम बन रहे हैं और इसके लिए 2892 करोड़ रुपए केजरीवाल सरकार की तरफ से आवंटित हुए हैं। 312 क्लास रूम के लिए 77.54 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। इस हिसाब से एक क्लास रूम की लागत 24. 86 लाख रूपए आई है। भाजपा का दावा है कि 12748 क्लास रुम को बनाने में 892 करोड़ रूपए लगने चाहिए जबकि राज्य सरकार ने 2892 करोड़ रूपए मंजूर किए हैं। इसका मतलब है कि 2000 करोड़ रूपए का घोटाला। तिवारी ने कहा कि जिन्हें क्लास रूम बनाने के ठेके मिले हैं उन 34 ठेकेदारों में उनके रिश्तेदार शामिल हैं। 

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मनोज तिवारी ने कहा कि अच्छे से अच्छे होटल का कमरा भी ज़्यादा से ज़्यादा 5000 रुपए स्क्वायर फीट से ज़्यादा का नहीं बनता लेकिन केजरीवाल सरकार स्कूल का कमरा 8800 रुपए स्क्वायर फीट का बनवा रही है। यह दिल्ली की जनता के टैक्स का ऐसा दुरुपयोग है जो कहीं देखने को नहीं मिलेगा।

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भाजपा द्वारा लगाए गए इतने बड़े आरोप पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया बिफर उठे और भाजपा को गिरफ्तार करने का चैलेंज देते हुए आरोप साबित करने को कहा और बोला कि अगर ऐसा नहीं है तो उन्हें राज्य के उन गरीब लोगों से 'माफी' मांगनी चाहिये, जिनके बच्चे दिल्ली सरकार के विद्यालयों में गुणवत्ता परक शिक्षा हासिल कर रहे हैं। केजरीवाल सरकार का दावा है कि साढ़े चार साल में उन्होंने दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति की शुरूआत की है। 2015 में जहां 24157 क्लास रूम थे वहीं आज 2019 में 45 हजार 118 क्लास रूम हो जाएंगे। गौरतलब है कि दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए अभी छह महीने का वक्त शेष रह गया है। ऐसे में आरोप-प्रत्यारोप और चुनौतियों के कई दौर आने वाले वक्त में भी देखने को मिल सकते हैं। 

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