योगी सरकार का बड़ा फैसला, कोरोना काल में महामारी एक्ट के तहत दर्ज हुए केस होंगे वापस
बताया जा रहा कि मुख्यमंत्री ने कोविड-19 प्रबंधन के लिए गठित टीम-9 की बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों को कोविड-19 महामारी के उल्लंघन से जुड़े मुकदमों को व्यापक जनहित में खत्म करने के आदेश दिए।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना महामारी के दौरान महामारी एक्ट के तहत दर्ज हुए सभी मुकदमे वापस लेने का फैसला किया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापक के जनहित को ध्यान में रखते हुए हमने फैसला किया है कि इन सभी मुकदमों को समाप्त किया जाना चाहिए। इसको लेकर गृह विभाग की ओर से आवश्यक कार्यवाही करने संबंधी आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।
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बताया जा रहा कि मुख्यमंत्री ने कोविड-19 प्रबंधन के लिए गठित टीम-9 की बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों को कोविड-19 महामारी के उल्लंघन से जुड़े मुकदमों को व्यापक जनहित में खत्म करने के आदेश दिए। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने कोविड-19 महामारी के दौरान बिना किसी कारण के घर से बाहर निकलने तथा भीड़ इकट्ठा करने समेत कोविड-19 प्रोटोकॉल के विभिन्न प्रकार के उल्लंघन के मामलों में हजारों मुकदमे दर्ज किए थे। विशेष रूप से राजनीतिक आयोजनों को लेकर बड़ी संख्या में ऐसे मामले पंजीकृत हुए थे।
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मुख्यमंत्री ने दावा किया कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बाद सरकार के प्रयासों से संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। आज प्रदेश के 31 जिलों में कोविड-19 संक्रमण का एक भी मरीज नहीं है। प्रदेश में अब तक 10,91,52,448 लोगों को कोविड-19 टीके की खुराक दी जा चुकी है। योगी ने कोविड-19 प्रबंधन के लिए गठित टीम को निर्देश दिया कि आगामी पांच अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लखनऊ आगमन के सिलसिले में सभी तैयारियां समय से पूरी कर ली जाएं और कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले सभी लोगों के लिए आरटीपीसीआर जांच अनिवार्य की जाए।
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