बंगाल को MNREGA कोष से कभी वंचित नहीं किया: साध्वी Niranjan Jyoti; TMC ने किया पलटवार
उन्होंने तब तक प्रदर्शन जारी रखने का संकल्प लिया है, जब तक कि राज्यपाल सी वी आनंद बोस उनसे प्रदर्शन स्थल पर नहीं मिलते। मंत्री ने टीएमसी के इन आरोपों को खारिज किया कि उन्होंने मनरेगा के बकाया के संबंध में बातचीत के लिए नयी दिल्ली में पार्टी के प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इनकार कर दिया।
कोलकाता। केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने शनिवार को कहा कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-नीत सरकार ने पिछले नौ वर्षों में पश्चिम बंगाल को लगातार मनरेगा का बकाया दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य के कुछ जिलों में 100 दिनों की कार्य योजना के लिए धन के इस्तेमाल में विसंगतियां मिली हैं। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी)-नीत पश्चिम बंगाल सरकार को चुनौती दी कि अगर उसे लगता है कि केंद्र इस योजना के तहत अवैध रूप से धन रोक रहा है तो वह अदालत का रुख करे।
कोलकाता के दौरे पर आईं केंद्रीय मंत्री ने टीएमसी के इन आरोपों से इनकार किया कि उन्होंने मनरेगा के बकाये के संबंध में नयी दिल्ली में पार्टी के प्रतिनिधियों से मिलने से इनकार कर दिया था और कहा कि वह इस मुद्दे पर चर्चा में शामिल होने के लिए तैयार थीं, लेकिन पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी ‘राजनीतिक नौटंकी’ में उलझी रही। ज्योति की टिप्पणी पर टीएमसी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। टीएमसी ने पार्टी के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बारे में ‘‘झूठ फैलाने’’ के लिए केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री की आलोचना की और कहा कि वह राजभवन के पास अपने विरोध स्थल पर उनसे मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना के बकाये को लेकर अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी कार्यकर्ता तीसरे दिन शनिवार को भी राजभवन के बाहर धरना पर हैं।
उन्होंने तब तक प्रदर्शन जारी रखने का संकल्प लिया है, जब तक कि राज्यपाल सी वी आनंद बोस उनसे प्रदर्शन स्थल पर नहीं मिलते। मंत्री ने टीएमसी के इन आरोपों को खारिज किया कि उन्होंने मनरेगा के बकाया के संबंध में बातचीत के लिए नयी दिल्ली में पार्टी के प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इनकार कर दिया। ज्योति ने कहा, ‘‘मैं उनसे मिलना चाहती थी और उनका लगभग ढाई घंटे तक इंतजार किया, लेकिन वे अपने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों की संख्या को लेकर अड़े रहे।’’ ज्योति ने दावा किया, ‘‘वे अब झूठे आरोप लगा रहे हैं कि मैं पिछले दरवाजे से चली गई। टीएमसी झूठ फैला रही है। वे मुझसे मिलना नहीं चाहते थे, वे सिर्फ नौटंकी करना चाहते थे।’’
उन घटनाओं का क्रम याद करते हुए जब टीएमसी नेता दिल्ली में थे और उनसे मिलने वाले थे, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि टीएमसी ने शुरू में पांच सदस्यों के एक प्रतिनिधिमंडल का प्रस्ताव रखा था। ज्योति ने कहा कि लेकिन बाद में प्रतिनिधिमंडल ने इसे बढ़ाकर 10 कर दिया और फिर कहा कि पूरा टीएमसी संसदीय दल उनसे मिलना चाहता है। ज्योति ने कहा, ‘‘मैं इस अनुरोध पर भी सहमत हो गई और अपने कार्यालय सहयोगियों को आवश्यक व्यवस्था करने का निर्देश दिया। हालांकि, आखिरी समय में, टीएमसी नेताओं ने जोर दिया कि मैं उन आम लोगों से मिलूं जो उनके साथ थे।’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्हें आम लोगों से मिलने में कभी कोई आपत्ति नहीं थी, लेकिन वह पहले टीएमसी प्रतिनिधिमंडल से मिलना चाहती थीं।
ज्योति ने कहा, ‘‘योजना के जॉब कार्ड के वितरण में अनियमितताओं की शिकायतें मिली हैं। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मनरेगा के क्रियान्वयन में अनियमितताओं की ओर इशारा करते हुए पश्चिम बंगाल सरकार को कई पत्र भेजे, लेकिन राज्य सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की।’’ उन्होंने कहा, ‘‘टीएमसी अदालत क्यों नहीं जा रही है? वह ऐसा कभी नहीं करेगी क्योंकि वह जानती है कि बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है और अगर वह अदालत जाएगी तो मामले की सीबीआई जांच होगी।’’ केंद्रीय मंत्री ने किसी भी समय टीएमसी प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत करने की इच्छा व्यक्त की, लेकिन इस मुद्दे पर टीएमसी की नीयत पर सवाल उठाया।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं कोलकाता में हूं और अगर वे (टीएमसी) चाहें तो मुझसे मिल सकते हैं। मैं सभी मुद्दों पर चर्चा करूंगी।’’ इससे पहले, टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने पार्टी विधायकों, सांसदों, राज्य के मंत्रियों और मनरेगा कामगारों के साथ नयी दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया था तथा कृषि भवन स्थित ग्रामीण विकास मंत्रालय तक मार्च किया था, जहां उनका ज्योति से मिलने का कार्यक्रम था। हालांकि, करीब डेढ़ घंटे के बाद टीएमसी नेताओं ने दावा किया कि प्रतिनिधिमंडल में सदस्यों की संख्या पांच तक रखने की बात कहते हुए मंत्री ने उनसे मिलने से इनकार कर दिया। केंद्रीय मंत्री की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि यदि ज्योति बातचीत में रुचि रखती हैं, तो उन्हें राजभवन के बाहर पार्टी के प्रदर्शन स्थल पर आना चाहिए और प्रदर्शनकारियों से बात करनी चाहिए।
बनर्जी ने कहा, ‘‘हमें कोई अहंकार नहीं है। अगर वह बातचीत में रुचि रखती हैं, तो वह राजभवन आएं। हम उनके साथ सभी मुद्दों पर चर्चा करेंगे। लेकिन हम उनसे मिलने के लिए भाजपा कार्यालय नहीं जाएंगे।’’ टीएमसी ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर सिलसिलेवार पोस्ट कर मंत्री की आलोचना की और उनके दावों को खारिज कर दिया। टीएमसी ने कहा, ‘‘भाजपा के नेताओं ने लोगों के अधिकारों के लिए हमारी लड़ाई को तमाशा, नौटंकी और न जाने क्या-क्या कहकर उपहास उड़ाया। आज साध्वी निरंजन के संवाददाता सम्मेलन के बारे में क्या कहा जाए? उन्होंने लोगों की चिंताओं का निवारण किए बिना ‘बेशर्मी’ से हंगामा किया और जल्दबाजी में उत्तर प्रदेश चली गईं।’’ टीएमसी ने कहा, ‘‘उन्होंने हमारे प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इनकार कर दिया क्योंकि वह केवल नेताओं से मिलना पसंद करती हैं, बंगाल के वंचित लोगों से नहीं। यदि आप लोगों से जुड़ने से इनकार करती हैं, तो आप किस तरह की जनप्रतिनिधि हैं? अपने सार्वजनिक कर्तव्यों का कुछ तो ख्याल रखिए।
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