'मिशन बंगाल' में जुटे अमित शाह और जेपी नड्डा, चुनाव समाप्त होने तक हर महीने करेंगे दौरा
दिलीप घोष ने कहा कि अमित शाह एवं जे पी नड्डा विधानसभा चुनाव समाप्त होने तक हर महीने अलग अलग राज्य के दौरे पर आयेंगे। तारीखों को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है।
कोलकाता। भारतीय जनता पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एवं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा प्रदेश में विधानसभा चुनाव समाप्त होने तक प्रत्येक महीने राज्य का दौरा करेंगे। पश्चिम बंगाल की 294 सदस्यीय विधानसभा के लिये अगले साल अप्रैल-मई में चुनाव होने हैं। भाजपा के दोनों नेता चुनाव से पहले हर महीने पार्टी संगठन का जायजा लेने के लिये अलग अलग राज्य का दौरा करेंगे। घोष ने संवाददाताओं से कहा कि अमित शाह एवं जे पी नड्डा विधानसभा चुनाव समाप्त होने तक हर महीने अलग अलग राज्य के दौरे पर आयेंगे। तारीखों को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। उनके नियमितदौरों से पार्टी कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्द्धन होगा।
इसे भी पढ़ें: बंगाल में कोरोना के 3,654 नए मामले सामने आए, 52 मरीजों की मौत
पार्टी सूत्रों ने बताया कि शाह के हर महीने लगातार दो दिन दौरा करने की संभावना है जबकि नड्डा की यात्रा तीन दिवसीय होगी। कांग्रेस-माकपा गठबंधन पर बरसते हुये घोष ने कहा कि दोनों दलों को लोगों ने बहुत पहले खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के लोगों ने कांग्रेस, माकपा एवं तृणमूल कांग्रेस को मौका दिया। लोगों की आकांक्षाओं पर खरा उतरने में तीनों दल नाकाम रहे हैं, इन उम्मीदों को अब भाजपा पूरा करेगी। पार्टी सूत्रों ने बताया कि राज्य विधानसभा चुनाव को देखते हुये भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश को पांच संगठनात्मक क्षेत्रों में विभाजित किया है और केंद्रीय नेताओं को उनका प्रभारी नियुक्त किया है।
इसे भी पढ़ें: पीएम मोदी ने वरिष्ठ बंगाली अभिनेता सौमित्र चटर्जी के निधन पर जताया शोक
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं- सुनील देवधर, विनोद तावड़े, दुष्यंत गौतम, हरीश द्विवेदी एवं विनोद सोनकर को पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने उत्तर बंगाल, रढ़ बंगा (दक्षिण पश्चिम जिलों), नबाद्वीप, मिदनापुर, एवं कोलकाता संगठनात्मक क्षेत्र का प्रभारी नियुक्त किया है। देवधर, तावड़े एवं सोनकर के संभवत: आज अपने संबंधित क्षेत्र में बैठक करने का कार्यक्रम है। पश्चिम बंगाल में सीमित उपस्थिति के बावजूद पिछले साल हुये लोक सभा चुनाव में 42 में से 18 सीट जीत कर भाजपा, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के मुख्य प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभरी थी।
अन्य न्यूज़