सीएए विरोधी आंदोलन के खिलाफ उठाए गये योगी सरकार के कदमों पर कोर्ट ने मांगा स्पष्टीकरण

gg

न्यायमूर्ति राजन रॉय की पीठ ने दारापुरी की रिट याचिका पर आदेश शुक्रवार को किया। सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हिंसा और आगजनी के कारण सरकारी खजाने को पहुंचे नुकसान की भरपाई के लिए लखनऊ प्रशासन ने रिकवरी का आदेश जारी किया था।

लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा है कि वह उसे इस बारे में संतुष्ट करे कि सीएए विरोधी आंदोलन के सिलसिले में किस कानून के तहत एस आर दारापुरी के खिलाफ 64 लाख रुपए का रिकवरी आदेश जारी किया गया। अदालत ने राज्य सरकार से यह भी पूछा कि कथित घटना के समय क्या इस तरह की वसूली की अनुमति देने वाला कोई कानूनी प्रावधान था।

इसे भी पढ़ें: मुजफ्फरनगर के गोड़िया मठ आश्रम में होता था बच्चों का यौन शोषण, सामने आया पूरा सच

न्यायमूर्ति राजन रॉय की पीठ ने दारापुरी की रिट याचिका पर आदेश शुक्रवार को किया। सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हिंसा और आगजनी के कारण सरकारी खजाने को पहुंचे नुकसान की भरपाई के लिए लखनऊ प्रशासन ने रिकवरी का आदेश जारी किया था। दारापुरी ने अदालत से कहा कि वसूली का आदेश गैरकानूनी तरीके से जारी किया गया है।

इसे भी पढ़ें: योगी ने संक्रमण के संदिग्ध लक्षणों वाले लोगों के नमूनों की जांच कराने के निर्देश दिए

अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 14 जुलाई तय की। रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी दारापुरी पर राजधानी लखनऊ में पिछले साल 19 दिसंबर को सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भड़काने का आरोप है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़