National Epilepsy Day 2024: आखिर क्यों पड़ते हैं मिर्गी के दौरे? जानें इसके लक्षण
विश्व स्तर पर 17 नवंबर को राष्ट्रीय मिर्गी दिवस मनाया जाता है। इस दिन को इसलिए मनाया जाता है कि मिर्गी को लेकर इसके कारणों और उपचार के बारे में जागरूकता बढ़ाता है। इस दिन का उद्देश्य कलंक को कम करना और इस स्थिति से पीड़ित व्यक्तियों का समर्थन करना है।
हर साल मिर्गी के बारे में जागरूकता बढ़ाने 17 नवंबर को राष्ट्रीय मिर्गी दिवस मनाया जाता है। आपको बता दें कि, यह एक तंत्रिका संबंधी विकार है जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करता है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को मिर्गी के कारणों, लक्षणों और उपचार के बारे में शिक्षित करना, मिर्गी को समझने का कम करना है। यह एक ऐसे मंच के रूप में काम करता है जो बीमारी से पीड़ित लोगों का समर्थन करता है, सहयोग और समझ को प्रोत्साहित करता है। राष्ट्रीय मिर्गी दिवस, जिसे कई स्वास्थ्य संगठनों का भी समर्थन प्राप्त है, शीघ्र निदान और उपचार पर जोर देता है ताकि लोग खुशहाल जीवन जी सकें। यह दिन जागरूकता बढ़ाकर सामाजिक स्वीकृति के महत्व पर जोर देता है और मिर्गी से पीड़ित लोगों की देखभाल और सहायता में सुधार के प्रयासों का समर्थन करता है।
क्यों पड़ते हैं मिर्गी के दौरे?
मिर्गी के दौरे पड़ने का कई कारण हो सकता है। इससे पिछले समय में सिर की चोट, दिमाग में संक्रमण या ट्यूमर। कई बार तो दिमाग में कोई दिखने वाली समस्या नहीं होती, फिर भी मिर्गी के दौरे पड़ने लगते हैं। वहीं, ब्रेन ट्यूमर, संक्रमण, स्ट्रोक, दिमाग में घाव या चोट, ऑटोइम्यून बीमारी जैसी विकार के कारण मिर्गी के दौरे पड़ सकते हैं। जब तक व्यक्ति को एक या दो से ज्यादा बार दौरा न पड़े, तब तक मिर्गी के दौरों की पुष्टि तक नहीं होती है।
मिर्गी के लक्षण
वैसे तो मिर्गी असामान्य दिमागी एक्टिविटीज के कारण होती है। लेकिन, इससे जुड़े कुछ कॉमन लक्षण दिख सकते हैं।
- बार-बार दौरा पड़ना
- अस्थायी रुप से बेहोश हो जाना
- सोचने की शक्ति मंद हो जाना
- आवाज कम हो जाना
- मांसपेशियों में मरोड़
- सेंसेशन में बदलाव
- बातचीत और समझने में दिक्कत होना
- भय, चिंता या दहशत महसूस करना
- सुन्न महसूस होना
- बोलने या समझने में तकलीफ होना
- अस्थायी रुप से भ्रम होना
- दिल की धड़कन और सांस की गति बढ़ जाना
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