पार्टी गतिविधियों से खुद को अलग कर सकते हैं अभिषेक बनर्जी, क्या बुआ ममता के साथ उभरा मतभेद या प्रशांत किशोर हैं वजह?
अभिषेक के करीबी सूत्रों का दावा है कि अभिषेक 14 फरवरी को गोवा में विधानसभा चुनाव के बाद अपने फैसले की घोषणा कर सकते हैं। हालांकि जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं का ये भी मानना है कि गोवा में सोमवार को मतदान है।
क्या अभिषेक बनर्जी प्रशांत किशोर की कंपनी आईपैक के साथ की जटिलताओं और परिणामी स्थिति के कारण खुद को जमीनी संगठनात्मक जिम्मेदारियों से अलग कर सकते हैं? वास्तविकता जो भी हो इस बात की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। अभिषेक के करीबी सूत्रों का दावा है कि अभिषेक 14 फरवरी को गोवा में विधानसभा चुनाव के बाद अपने फैसले की घोषणा कर सकते हैं। हालांकि जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं का ये भी मानना है कि गोवा में सोमवार को मतदान है। जिसमें अभी तीन दिन का समय शेष है। हालात बदल भी सकते हैं क्योंकि राजनीति में हर पल घटनाएं मोड़ लेती रहती हैं।
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अभिषेक ने गुरुवार को गोवा में दो चुनावी रैलियां कीं। वहां उन्होंने हमेशा की तरह बीजेपी और कांग्रेस पर हमला बोला। अभिषेक का शुक्रवार दोपहर गोवा से लौटने का कार्यक्रम है। लेकिन अभिषेक गोवा चुनाव से पहले कोई फैसला नहीं लेना चाहते हैं क्योंकि वे गोवा में चुनाव प्रभारी हैं। कहा जा रहा है कि अभिषेक सोमवार या मंगलवार को गोवा में चुनाव के बाद सार्वजनिक रूप से अपनी स्थिति बता सकते हैं। हालांकि, पार्टी के आशावादी हिस्से का दावा है कि तृणमूल नेता ममता बनर्जी के साथ आमने-सामने बातचीत करने पर स्थिति बदलने की संभावना है।
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स्थानीय निकाय चुनाव से पहले भी ममता और उनके भतीजे अभिषेक के बीच टिकट बंटवारे को लेकर मतभेद की खबरें सामने आई। एक टीवी इंटरव्यू में अभिषेक बनर्जी ने स्वीकार किया कि पार्टी के नेताओं द्वारा जारी की गई उम्मीदवारों की सूची और सोशल मीडिया पर अपलोड की गई उम्मीदवारों की सूची में लगभग 100 से लेकर 150 अंतर हैं, लेकिन इस समस्या का समाधान कर दिया जाएगा। टीएमसी के पुराने नेता और कार्यकर्ताओं का एक धड़ा इसके लिए प्रशांत किशोर की कंपनी आईपैक को जिम्मेदार बता रहा है।
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