गुजरात फेस-1 के चुनाव में AAP टॉप पर, लेकिन ‘दागी’ उम्मीदवारों को टिकट देने के मामले में, जानें बीजेपी-कांग्रेस का क्या है हाल?
आपराधिक मामलों का सामना करने वाले उम्मीदवारों की सूची में आम आदमी पार्टी ऐसे 32 उम्मीदवारों के साथ टॉप पर है। इसके बाद कांग्रेस पार्टी और भारतीय जनता पार्टी का नंबर आता है। सूची एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने अपनी एक रिपोर्ट से मिली है।
गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण में कुल 788 उम्मीदवार 89 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। लेकिन इसमें सबसे दिलचस्प बात ये है कि इस सूची से लगभग 167 उम्मीदवार वर्तमान में आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। आपराधिक मामलों का सामना करने वाले उम्मीदवारों की सूची में आम आदमी पार्टी ऐसे 32 उम्मीदवारों के साथ टॉप पर है। इसके बाद कांग्रेस पार्टी और भारतीय जनता पार्टी का नंबर आता है। सूची एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने अपनी एक रिपोर्ट से मिली है।
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जबकि 2017 के विधानसभा चुनावों के चरण 1 में लड़ने वाले केवल 15 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा की थी। हालांकि 2022 में संख्या बढ़ी है। चरण 1 में 21 प्रतिशत उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि है। आप के कुल 88 उम्मीदवारों में से कुल 32 उम्मीदवार आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं। ऐसा ही हाल कांग्रेस पार्टी का भी है जहां 35 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपने हलफनामों में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। सबसे पुरानी पार्टी पहले चरण में सभी 89 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और उसके द्वारा मैदान में आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों की संख्या 31 है। रिपोर्ट में कहा गया है।
सत्तारूढ़ भाजपा के केवल 16 प्रतिशत उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। 2017 के चुनावों से बेहद कम हैं, जब चरण -1 में चुनाव लड़ने वाले उनके 25 प्रतिशत उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि थी। क्षेत्रीय दलों में, भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) के 29 प्रतिशत उम्मीदवारों ने भी आपराधिक मामलों की घोषणा की है। 2017 में यह आंकड़ा बीटीपी के लिए 67 फीसदी था।
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गुजरात विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के चयन में राजनीतिक दलों पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का कोई असर नहीं पड़ा, क्योंकि उन्होंने आपराधिक मामलों वाले 21 फीसदी उम्मीदवारों को टिकट देने की अपनी पुरानी प्रथा का पालन किया है। पहले चरण में गुजरात में चुनाव लड़ने वाली सभी प्रमुख पार्टियों ने 16-36 फीसदी उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जिन्होंने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
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