गोवा से लौटने को तैयार बैठे हैं 80000 प्रवासी मजदूर, CM ने ना जाने की अपील की
केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार प्रमोद सावंत सरकार ने उत्तर और दक्षिणी गोवा जिलों, नगरपालिकाओं और ग्राम पंचायत कार्यालयों में काउंटर लगाये हैं जहां प्रवासी मजदूर घर जाने के लिए अपना पंजीकरण करवा सकते हैं।
राज्य सरकार के आंकड़े के अनुसार सोमवार तक 80,000 प्रवासी मजदूरों ने इन कार्यालयों में अपना पंजीकरण कराया। सावंत ने सोमवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘ गोवा को मानवश्रम की जरुरत होगी। मैं उनसे अपने राज्यों को नहीं लौटने की अपील करता हूं। वे यहां रूक सकते हैं क्योंकि गोवा कोविड-19 संक्रमण से सुरक्षित है।’’ केंद्र द्वारा गोवा को ग्रीन जोन में डालने का निर्णय लेने के बाद प्रमोद सावंत सरकार ने राज्य में आर्थिक गतिविधियों की बहाली की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ज्यादातर आर्थिक गतिविधियां एक दूसरे से दूरी, मास्क लगाने और श्रमिकों की कम संख्या के साथ बहाल हो गयी हैं।Public participation is a key cornerstone for good governance.The Govt. along with the people of Goa are fighting this war against COVID19 together. As announced earlier, we have created a platform for inviting suggestions for economic revival of Goa.
— Dr. Pramod Sawant (@DrPramodPSawant) May 4, 2020
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश चोडनकर ने कहा कि प्रवासी मजदूरों के चले जाने का निर्माण, मात्स्यकी,औद्योगिक इकाइयों एवं अन्य गतिविधियों पर असर पड़ेगा लेकिन यह एक अपरिहार्य स्थिति है। उन्होंने कहा, ‘‘ वे यहां ठहरना नहीं चाहते हैं। यही सही वक्त है जब सरकार यह तय करे कि राज्य में हमें कितने श्रमबल की जरूरत होगी।’’ हालांकि स्थानीय श्रमिक नेता पुति गांवकर ने कहा, ‘‘ गोवा में पर्याप्त संख्या में युवा हैं जो विभिन्न कार्य कर सकते हैं। मैं नहीं समझता कि यदि प्रवासी मजदूर राज्य से चले जायेंगे तो खास असर पड़ेगा।
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