MP में होम क्वारंटाइन पर दिया जा रहा जोर, इंदौर में 13 फीसदी कोरोना के मरीज घर में रहकर हुए ठीक

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जिलाधिकारी मनीष सिंह ने सोमवार को बताया कि इंदौर में इस कार्यक्रम के तहत पांच मई से लेकर अब तक कुल 786 मरीजों ने अपने घर में ही इलाज कराते हुए कोविड-19 को मात दी है। इनमें महामारी के हल्के या बिना लक्षणों वाले मरीज शामिल हैं।

इंदौर। मध्य प्रदेश में कोविड-19 के मरीजों की तादाद में हालिया उछाल के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अफसरों को निर्देश दिये हैं कि इस महामारी के सामान्य लक्षणों वाले मरीजों के ‘गृह पृथक-वास’ (डॉक्टरों की निगरानी में घर पर इलाज) को बढ़ावा दिया जाना चाहिये। चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये आयोजित बैठक में कोविड-19 संक्रमण की स्थिति की समीक्षा के बाद रविवार रात ट्वीट किया कि अस्पतालों में गंभीर मरीजों का उपचार ठीक से हो, इसके लिये सामान्य लक्षण वाले मरीजों लिए घर पर पृथक-वास को प्रोत्साहित करना चाहिये। इसमें रीयल टाइम मॉनीटरिंग सुनिश्चित करने के लिये ऐप तथा अन्य आवश्यक साधनों का उपयोग सुनिश्चित किया जाये। इंदौर, सूबे में कोविड-19 से सर्वाधिक प्रभावित जिला है जहां प्रशासन एक मोबाइल ऐप की मदद से डॉक्टरों की निगरानी में महामारी के मरीजों के घर पर पृथक-वास कार्यक्रम की शुरूआत तीन महीने पहले ही कर चुका है। 

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जिलाधिकारी मनीष सिंह ने सोमवार को बताया कि इंदौर में इस कार्यक्रम के तहत पांच मई से लेकर अब तक कुल 786 मरीजों ने अपने घर में ही इलाज कराते हुए कोविड-19 को मात दी है। इनमें महामारी के हल्के या बिना लक्षणों वाले मरीज शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जिले में अपने घर में रहकर ठीक हुए मरीजों का यह आंकड़ा इस महामारी को हराने वाले कुल 5,961 लोगों का करीब 13 प्रतिशत है। अन्य 87 फीसद मरीज अस्पतालों और पृथक-वास केंद्रों में रहकर ठीक हुए हैं। जिलाधिकारी ने बताया, हम अपने गृह पृथक-वास कार्यक्रम को और मजबूत बनाने जा रहे हैं।

इंदौर में स्वास्थ्य विभाग के गृह पृथक-वास कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. सुनील गंगराड़े ने बताया कि जिले में घर पर रहकर कोविड-19 को मात देने वाले 786 मरीजों में दो वर्ष की बच्ची से लेकर 85 साल की महिला तक शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इंदौर नगर निगम के इंदौर 311 मोबाइल ऐप की मदद से घर पर पृथक रह रहे मरीजों की सेहत की अद्यतन जानकारी उनके केयरगिवर (तीमारदार) की मदद से स्थानीय कंट्रोल रूम तक उसी समय (रीयल टाइम में) पहुंचती है और डॉक्टर उनकी सेहत पर निगाह रखते हैं। गंगराड़े ने बताया कि कोविड-19 का घर में रहकर इलाज करा रहे मरीजों को पल्स ऑक्सीमीटर नाम का उपकरण भी दिया जाता है। इस छोटे-से उपकरण के जरिये मरीज के शरीर में ऑक्सीजन का स्तर और उसकी नब्ज उसके घर में ही जांची जाती है। 

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अधिकारियों ने बताया कि इंदौर में पिछले 24 घंटे के दौरान कोविड-19 के 208 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की तादाद 8,724 पर पहुंच गयी है। इनमें से 333 मरीजों की मौत हो चुकी है। खासकर बाजारों को लेकर प्रशासनिक पाबंदियों में ढील के बाद हाल के दिनों में जिले में कोविड-19 संक्रमण के दैनिक मामलों में इजाफा देखा जा रहा है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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