कौन है भेदिया? जिसने लीक किया अमेरिका का मिलिट्री अटैक वाला सीक्रेट प्लान, ट्रंप ने अब इसको लेकर क्या बड़ा दावा कर दिया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सिग्नल चैट लीक कांड की कवरेज के लिए मीडिया को फटकार लगाई है। ट्रुथसोशल पर एक पोस्ट में ट्रम्प ने रिपब्लिकन सीनेटर और सीनेट सशस्त्र सेवा समिति के सदस्य सीनेटर मार्कवेन मुलिन की सराहना की।
क्या आपको साथ कभी ऐसा हुआ है कि आपको आपकी मर्जी के बिना किसी व्हाट्सएप ग्रुप या मैसेंजर एप के ग्रुप में जोड़ दिया गया हो। जरूर हुआ होगा। हर व्यक्ति के साथ ऐसा होता है और कई लोग तो ग्रुप छोड़कर निकल जाते हैं। जहां जोड़ने से पहले उनसे पूछा ही नहीं गया। कई लोग तो ऐसे भी होते हैं जो सोचते हैं कि जोड़ दिया तो जोड़ दिया क्या फर्क पड़ता है। लेकिन अगर गलती से आपको कभी किसी ऐसे ग्रुप में जोड़ दिया जाए जहां देश की खुफिया सैन्य जानकारियों को साझा किया जा रहा हो और वो भी देश के सबसे जिम्मेदार लोगों के द्वारा तो आपकी प्रतिक्रिया क्या होगी? शायद कई लोग हैरान हो जाएंगे। वहीं कई लोग डर भी जाएंगे कि अब क्या करें, किसे बताएं। अमेरिका में ऐसा ही हुआ है, जिसे सिग्नल गेट नाम दिया जा रहा है। व्हाइट हाउस में इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा इसी की है। इसी बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हूति विद्रोहियों पर हवाई हमले की सूचना लीक के कारण किसी को भी नौकरी से न निकालने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वह किसी को भी नौकरी से नहीं निकालेंगे, चाहे मीडिया से कितनी भी गलत खबरें क्यों न आएं।
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यूएस चैट लीक में इन दिग्गजों का नाम
जेडी वेंस (अमेरिका के उपराष्ट्रपति)
मार्को रूबियो (विदेश मंत्री)
माइकल वॉल्ज (एनएनए)
पीट हेगसेथ (रक्षा मंत्री)
सूसी विल्स ( चीफ ऑफ स्टाफ)
पत्रकार को गलती से जोड़ा
काफी सुरक्षित माने जा रहे मैसेंजर एप सिग्नल पर अमेरिका की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की बेहद खुफिया ग्रुप में यमन के हूती विद्रोहियों पर फौजी कार्यवाही को लेकर चर्चा चल रही थी। ग्रुप का नाम हूती पीसी स्मॉल ग्रुप रखा गया था। इसमें जल्द ही हमले की गोपनीय योजनाएं तैयार हो रही थी। निशाने क्या होंगे। किन हथियारों का अमेरिका इस्तेमाल करेगा और किन ठिकानों पर हमले किए जाएंगे। इन नामों से ही अंदाजा लगा सकते हैं कि ग्रुप में किस स्तर की खुफिया जानकारियां साझा की जा रही थी। ग्रुप में ऐसा भी एक सदस्य था जिसका इनका इन लोगों से कोई लेना देना नहीं था। ये अमेरिका की मैगजीन द अटलांटा के एडिटर इन चीफ जैफ्री गोल्डमैन थे। जिन्हें गलती से इस ग्रप में जोड़ने का इनविटेशन भेज दिया गया था।
ट्रंप ने अपनी टीम पर जताया भरोसा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सिग्नल चैट लीक कांड की कवरेज के लिए मीडिया को फटकार लगाई है। ट्रुथसोशल पर एक पोस्ट में ट्रम्प ने रिपब्लिकन सीनेटर और सीनेट सशस्त्र सेवा समिति के सदस्य सीनेटर मार्कवेन मुलिन की सराहना की। उन्होंने कहा कि सीनेटर मार्कवेन मुलिन ने कभी न खत्म होने वाली सिग्नल स्टोरी पर क्रिस्टन वेल्कर और रेडिकल लेफ्ट के विच हंट को पीछे धकेलने का शानदार काम किया है। राष्ट्रपति ने पोस्ट में लिखा कि वे बस रुकते नहीं हैं - बार-बार वे आगे बढ़ते हैं! डोनाल्ड ट्रंप ने एनबीसी न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि मैं झूठी खबरों और जासूसी के कारण किसी को नौकरी से नहीं निकालता। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज और पेंटागन प्रमुख पीट हेगसेथ पर पूरा भरोसा है। इससे पहले भी ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज के प्रति निरंतर समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने कहा था कि माइकल वाल्ट्ज ने सबक सीख लिया है और वह एक अच्छे इंसान हैं।
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पूरी टाइमलाइन
11 मार्च को अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल वाल्ज ने पत्रकार गोल्डबर्ग को एक कनेक्शन रिक्वेस्ट भेजा।
13 मार्च गोल्डबर्ग को मैसेज मिला कि उन्हें हूती पीसी स्मॉल ग्रुप नामक सिग्नल चैट ग्रुप में एड किया जा रहा है।
14 मार्च को वाल्ज का मैसेज इसी ग्रुप में आया। लिखा था हमारी टीम ने हूतियों पर हमला करने के लिए ये ग्रुप बनाया है।
15 मार्च को 11:44 में हेगसेथ ने यमन हमले के हथियारों, लक्ष्यों और समय के बारे में जानकारी साझा की। पोस्ट में कहा गया है कि पहला विस्फोट 13:45 बजे शुरू होगा
क़रीब 1 बजकर 55 मिनट पर गोल्डबर्ग यमन के बार में एक्स पर सर्च करते हैं। यमन की राजधानी सना तेज़ धमाकों से गूंज उठी थी। फिर गोल्डबर्ग ने वापस ग्रुप खोला। लोग एक दूसरे को शाबाशी और बधाई दे रहे थे। इसके बाद गोल्डबर्ग ने ग्रुप छोड़ दिया।
क्या है सिग्नल एप
सिग्नल एक मैसेजिंग ऐप है जिसकी मदद से आप टेक्स्ट मैसेज, वॉयस कॉल, और वीडियो कॉल कर सकते हैं। यह ऐप एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का इस्तेमाल करता है। यह ऐप दूसरे मैसेजिंग ऐप्स की तरह यूज़र के किसी भी डेटा को स्टोर या ट्रैक नहीं करता। यह ऐप थोड़े समय में खुद ही मैसेज को डिलीट कर देता है। इसमें संदेशों को समय अवधि के बाद गायब होने के लिए सेट किया जा सकता है। अमेरिका में क्लासीफाइड इंफार्मेशन शेयरिंग के लिए कई टेक्नोलाजी का इस्तेमाल होता है। लेकिन उनमें सिग्नल एप अप्रूव नहीं है। सीक्रेट टॉक के लिए उनका अलग सिस्टम है।
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