शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए करें ये आसान उपाय, नहीं खर्च करन पड़ेगा एक भी रुपया
ज्योतिषशास्त्र में ऐसे कई उपाय बताए गए हैं जिन्हें करने से शनिदेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन की अनचाही समस्याओं से छुटकारा मिलता है। लेकिन पंडित और विद्वानों द्वारा बताए ऐ उपायों में अक्सर काफी पैसा खर्च होता है।कुछ ऐसे उपाय भी बताए गए हैं जिन्हें करने के लिए आपको पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं है।
शास्त्रों में शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि शनिदेव व्यक्ति को उसके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। माना जाता है कि अगर शनिदेव रुष्ठ हो जाएं तो व्यक्ति को जीवन में अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है लेकिन जिस भी व्यक्ति पर शनिदेव प्रसन्न हों उसके जीवन में कभी भी धन, वैभव और यश में कमी नहीं आती है। ज्योतिषशास्त्र में ऐसे कई उपाय बताए गए हैं जिन्हें करने से शनिदेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन की अनचाही समस्याओं से छुटकारा मिलता है। लेकिन पंडित और विद्वानों द्वारा बताए ऐ उपायों में अक्सर काफी पैसा खर्च होता है। लेकिन ज्योतिषशास्त्र में कुछ ऐसे उपाय भी बताए गए हैं जिन्हें करने के लिए आपको पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं होती है। आज के इस लेख में हम आपको ऐसे ही कुछ अचूक उपाय बताने जा रहे हैं -
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, शनिदेव की कृपा पाने के लिए प्रत्येक शनिवार को महाराज दशरथ स्तोत्र का 11 बार पाठ करना चाहिए। मान्यता के अनुसार, इससे शनि देव की कृपा मिलती है।
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शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शाम को पश्चिम दिशा की ओर दीपक जलाएं और 'ॐ शं अभ्यस्ताय नमः' का जाप करें। इस मंत्र के जाप से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और जीवन के सभी संकट दूर होंगे।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर में तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए। इससे शनि देव के कष्टों से मुक्ति मिलती है और हनुमान अपने भक्तों पर किसी प्रकार का कष्ट नहीं आने देते।
प्रत्येक शनिवार को ब्रह्म मुहूर्त में पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और सात परिक्रमा करें। जल चढ़ाते समय ॐ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का जाप करें। इसके बाद पीपल को छू कर प्रणाम करें।
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शनिवार के दिन गरीब और जरूरतमंदों को भोजन कराएं, किसी जरूरतमंद को दवा उपलब्ध करवाएं। इससे भी शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, प्रत्येक शनिवार को शनि वैदिक मंत्र का जप करने से भी शनि देव के कष्टों से मुक्ति मिलती है। शनिवार को इस मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है -
'ॐ शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये। शं योरभि स्रवन्तु न:।’
‘ऊँ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तण्डसंभुतं नमामि शनैश्चरम।’
- प्रिया मिश्रा
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