Prabhasakshi Exclusive: Sri Lankan President Anura Kumara Dissanayake की पहली भारत यात्रा से दोनों देशों को क्या लाभ हुआ?
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि मोदी से मुलाकात के दौरान श्रीलंकाई नेता ने अपनी टिप्पणी में कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री ने श्रीलंका की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की हमेशा रक्षा करने का आश्वासन दिया है।
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि श्रीलंका के राष्ट्रपति की भारत यात्रा किन मायनों में उपयोगी रही? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि यह यात्रा दोनों देशों के लिए लाभप्रद रही। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुर कुमार दिसानायक ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को स्पष्ट रूप से आश्वासन दिया है कि द्वीप राष्ट्र की धरती का भारत के हितों के खिलाफ इस्तेमाल नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह आश्वासन श्रीलंका पर प्रभाव बढ़ाने के चीन के प्रयासों पर भारत की चिंताओं के बीच आया है। उन्होंने कहा कि भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर आए दिसानायक ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ व्यापक बातचीत की। इस दौरान भारत और श्रीलंका ने अपनी साझेदारी को विस्तार देने के लिए एक रक्षा सहयोग समझौते को जल्द अंतिम रूप देने का संकल्प लिया और बिजली ग्रिड कनेक्टिविटी एवं बहु-उत्पाद पेट्रोलियम पाइपलाइन स्थापित कर ऊर्जा संबंधों को मजबूत करने का निर्णय भी लिया। उन्होंने कहा कि मीडिया को जारी किये गये अपने बयान में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह और श्रीलंकाई राष्ट्रपति इस बात पर ‘‘पूर्ण सहमत’’ हैं कि दोनों देशों के सुरक्षा हित आपस में जुड़े हैं और इस क्रम में सुरक्षा सहयोग समझौते को शीघ्र अंतिम रूप देने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि मोदी ने दिसानायक को आर्थिक सुधार और स्थिरता का प्रयास कर रहे द्वीप राष्ट्र को भारत के लगातार समर्थन से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि दो साल पहले श्रीलंका को बड़े पैमाने पर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा था और भारत ने उसे चार अरब अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता दी थी। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने अधिकारियों को ऋण पुनर्गठन पर द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन पर चर्चा को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि मोदी से मुलाकात के दौरान श्रीलंकाई नेता ने अपनी टिप्पणी में कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री ने श्रीलंका की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की हमेशा रक्षा करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि श्रीलंकाई नेता ने यह भी कहा कि मैंने भी प्रधानमंत्री को यह आश्वासन दिया है कि हम अपनी जमीन का इस्तेमाल किसी ऐसे काम के लिए नहीं होने देंगे जो भारत के हितों के लिए हानिकारक हो। उन्होंने कहा कि दिसानायक ने कहा है कि भारत के साथ सहयोग निश्चित रूप से फलेगा-फूलेगा। और मैं भारत के लिए हमारे निरंतर समर्थन का आश्वासन देना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि साथ ही यह भी महत्वपूर्ण है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घोषणा की है कि दोनों देशों के बीच संपर्क सुविधा बेहतर करने के लिए रामेश्वरम और तलाईमनार के बीच नौका सेवा शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि हमने संयुक्त रूप से निर्णय लिया है कि नागपत्तनम-कांकेसंथुराई नौका सेवा की सफल शुरुआत के बाद हम रामेश्वरम और तलाईमन्नार के बीच भी नौका सेवा शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि वार्ता में मछुआरों से संबंधित मुद्दे पर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि हमने मछुआरों की आजीविका से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की। हम इस बात पर सहमत हैं कि हमें इस मामले में मानवीय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने तमिलों के मुद्दे का जिक्र करते हुए कहा कि भारत को उम्मीद है कि श्रीलंका सरकार समुदाय की आकांक्षाओं को पूरा करेगी।
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ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि वार्ता के दौरान दिसानायक ने आपातकालीन वित्तपोषण और चार अरब अमेरिकी डॉलर के विदेशी मुद्रा समर्थन सहित ‘‘अद्वितीय एवं बहु-आयामी’’ सहायता के माध्यम से श्रीलंकाई अर्थव्यवस्था को स्थिर करने में भारत के समर्थन के लिए मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने कहा कि हमने लगभग दो साल पहले एक अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना किया था और भारत ने उस दलदल से बाहर निकलने में हमारा भरपूर समर्थन किया। इसके बाद भी भारत ने हमारी काफी मदद की, खासकर ऋण पुनर्गठन प्रक्रिया में।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि साथ ही भारत और श्रीलंका ने अपनी साझेदारी को विस्तार देने के लिए भविष्योन्मुखी दृष्टिकोण अपनाते हुए रक्षा सहयोग समझौता को जल्द अंतिम रूप देने का संकल्प लिया है और बिजली ग्रिड कनेक्टिविटी एवं बहु-उत्पाद पेट्रोलियम पाइपलाइन स्थापित करके ऊर्जा संबंधों को मजबूत करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर तथा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के साथ भी ‘‘सार्थक’’ वार्ता की। उन्होंने कहा कि साथ ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी कहा है कि भारत विश्वसनीय साझेदार के रूप में श्रीलंका के सतत आर्थिक विकास को समर्थन देना जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुर कुमार दिसानायक और उनके प्रतिनिधिमंडल का राष्ट्रपति भवन में स्वागत करते हुए मुर्मू ने हाल में हुए राष्ट्रपति और संसदीय चुनाव में दिसानायक की जीत के लिए उन्हें बधाई भी दी।
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