रानिल विक्रमसिंघे ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष समिति की नियुक्त, बोले- हम लोकतंत्र को नष्ट करने की नहीं देंगे अनुमति
कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि हमें सांसदों के लिए ऐसा माहौल बनाना चाहिए जिससे वे स्वतंत्र रूप से अपनी राय व्यक्त कर सकें। उन्हें पूरी सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। हम किसी भी समूह को संसद में लोकतंत्र को नष्ट करने की अनुमति नहीं देंगे।
कोलंबो। श्रीलंका में आर्थिक संकट गहराता जा रहा है। इसी बीच कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने शुक्रवार को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हमें सांसदों के लिए ऐसा माहौल बनाना चाहिए जिससे वे स्वतंत्र रूप से अपनी राय व्यक्त कर सकें। उन्हें पूरी सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। हम किसी भी समूह को संसद में लोकतंत्र को नष्ट करने की अनुमति नहीं देंगे। साथ ही ऐसे समूह भी हैं जो लोकतंत्र का दमन कर फासीवादी तरीकों से देश में आग लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि संसद के पास ऐसे लोगों ने सुरक्षाबलों के दो हथियारों को गोलियां के साथ चुरा लिया है। उन्होंने बताया कि सेना के 24 सदस्य घायल हो गए हैं, जिनमें से 2 आज गंभीर रूप से घायल हुए हैं। विद्रोहियों और प्रदर्शनकारियों के बीच एक बड़ा अंतर है। शुरू से ही संघर्ष में शामिल कई लोगों ने तोड़फोड़ की इन हरकतों का विरोध किया है।
विशेष समिति नियुक्त की
उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए, मैंने एक विशेष समिति नियुक्त की है जिसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, पुलिस महानिरीक्षक और तीनों सशस्त्र बलों के कमांडर शामिल हैं। उन्हें बिना किसी राजनीतिक हस्तक्षेप के कानूनी कार्रवाई करने की पूरी आजादी दी गई है। उन्होंने कहा कि कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में मैं दो और निर्णय लूंगा। राष्ट्रपति को संबोधित करने के लिए महामहिम शब्द के इस्तेमाल पर रोक लगाने का फैसला किया है। इसके अलावा राष्ट्रपति के झंडे को खत्म किया जाएगा, क्योंकि देश को सिर्फ एक झंडे के इर्द-गिर्द जुटना चाहिए और वह राष्ट्रीय ध्वज है।
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कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त
प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने गोटबाया राजपक्षे का उत्तराधिकारी चुने जाने तक अंतरिम राष्ट्रपति के तौर पर शुक्रवार को शपथ ग्रहण की। उन्होंने कार्यवाहक राष्ट्रपति से ज्यादा शक्तियां संसद को देने के मकसद से संविधान के 19वें संशोधन को बहाल करने तथा कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने का आह्वान किया। सिंगापुर पहुंचे राजपक्षे ने अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने को ईमेल के जरिए अपना इस्तीफा पत्र भेजा। अभयवर्धने ने शुक्रवार को बताया कि उन्हें इस्तीफा पत्र बृहस्पतिवार को ही मिल गया तथा उन्होंने उसे मंजूर कर लिया है।
We must create an environment for MPs so that they can express their opinion independently. They will be provided with full protection. We will not allow any group to destroy the democracy in Parliament: Sri Lanka's Acting President Ranil Wickremesinghe
— ANI (@ANI) July 15, 2022
(File photo) pic.twitter.com/f2fVE66aaC
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