भारत की मदद से कम हुए श्रीलंका में सब्जियों के दाम ! मई में हजार रुपए प्रतिकिलो में मिल रही थी शिमला मिर्च और गोभी
भारत ने श्रीलंका को कीटनाशक और यूरिया की सप्लाई की थी। ताकि वहां पर सब्जियों को और अधिक समय के लिए बचाया जा सकें। साथ ही उत्पादन क्षमता भी पहले से बेहतर हो और ऐसा होता हुआ दिखाई भी दे रहा है। इसके अलावा ईंधन भी श्रीलंका भेजा जा रहा है।
कोलंबो। श्रीलंका में आर्थिक और राजनीतिक संकट छाया हुआ है। ऐसे में महंगाई अपने चरम पर पहुंच गई है और खाद्य पदार्थ की कीमतों से जनता बेहद परेशान है। इसी बीच भारत अपने पड़ोसी धर्म को निभा रहा है और लगातार श्रीलंका के लोगों और उनकी आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए पड़ोसी देश की मदद में जुटा हुआ है। श्रीलंका में भारी महंगाई के बीच कुछ सब्जियों की कीमतों में पिछले महीने की तुलना में कमी देखी गई है।
इसे भी पढ़ें: प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन में जमकर काटा बवाल, फोरेंसिक टीम नुकसान का कर रही आकलन, तोड़फोड़ की तस्वीरें आईं सामने
आपको बता दें कि भारत ने श्रीलंका को कीटनाशक और यूरिया की सप्लाई की थी। ताकि वहां पर सब्जियों को और अधिक समय के लिए बचाया जा सकें। साथ ही उत्पादन क्षमता भी पहले से बेहतर हो और ऐसा होता हुआ दिखाई भी दे रहा है। इसके अलावा ईंधन भी श्रीलंका भेजा जा रहा है।
सब्जियों के दाम में हुई थोड़ी
कटौती मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, श्रीलंका में आलू और प्यास जैसी बेहद जरूरी सब्जियों के दाम में लगातार इजाफा हो रहा था लेकिन भारत की तरफ से ईंधन भेजे जाने के बाद यहां पर आलू और प्यास के दामों में थोड़ी कटौती हुई है। साथ ही साथ भारत से आने वाली सब्जियों के दाम भी यहां की तुलना में कम है। उदाहरण के तौर पर हम आपको बता दें कि मई में प्याज 340 रुपए प्रतिकिलो मिल रही थी, जो अब 260 रुपए प्रतिकिलो की दर से मिल रही है।
टमाटर की बात करें तो मई में इसकी कीमत 900 रुपए प्रतिकिलो तक पहुंच गई थी लेकिन अब 380 रुपए प्रतिकिलो के आस-पास है। शिमला मिर्च, गोभी की कीमतें तो मई में हजार पार थीं लेकिन अब यह 700-800 रुपए के आसपास मिल रही हैं।
इसे भी पढ़ें: श्रीलंका में संकट के बीच रानिल विक्रमसिंघे ने अंतरिम राष्ट्रपति के तौर पर ली शपथ
सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारी
श्रीलंका में आजादी के बाद गहराए अब तक के सबसे बड़े आर्थिक संकट को लेकर प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए हैं। उन्होंने पिछले हफ्ते राष्ट्रपति भवन में कब्जा कर लिया था। जहां से गोटबाया राजपक्षे अपनी पत्नी के साथ भाग गए थे और फिर उनके देश छोड़कर मालदीव जाने की वजह से गुस्साएं प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय में भी कब्जा कर लिया था। हालांकि बीते दिनों गोटबाया राजपक्षे के राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिए जाने के बाद प्रदर्शनकारियों ने जश्न मनाया और जमकर पटाखे फोड़े।
अन्य न्यूज़