ट्रम्प ने यज़ीदी कार्यकर्ता नादिया मुराद से मिलते ही पूछा ''आपको नोबेल पुरस्कार क्यों मिला?''
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नोबेल पुरस्कार विजेता यजीदी कार्यकर्ता नादिया मुराद के काम एवं योगदान से बेखबर नजर आए। मुराद इराक के यजीदियों की मदद का अनुरोध लेकर बुधवार को ट्रंप से मुलाकात करने पहुंची थीं। मुराद इस प्राचीन धर्म की उन हजारों महिलाओं एवं लड़कियों में से एक हैं जिन्हें आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट समूह ने 2014 में इराक के विभिन्न हिस्सों पर कब्जा करने के दौरान अगवा कर लिया था।
वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नोबेल पुरस्कार विजेता यजीदी कार्यकर्ता नादिया मुराद के काम एवं योगदान से बेखबर नजर आए। मुराद इराक के यजीदियों की मदद का अनुरोध लेकर बुधवार को ट्रंप से मुलाकात करने पहुंची थीं। मुराद इस प्राचीन धर्म की उन हजारों महिलाओं एवं लड़कियों में से एक हैं जिन्हें आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट समूह ने 2014 में इराक के विभिन्न हिस्सों पर कब्जा करने के दौरान अगवा कर लिया था।
'You had the Nobel Prize?' Trump meets Yazidi activist Nadia Murad
— AFP news agency (@AFP) July 18, 2019
The Nobel laureate met the president to ask him to help her community, which was devastated by the Islamic State group in Iraqhttps://t.co/cPr1KCKMV2 pic.twitter.com/cXDFCh6FAf
मुराद इस धार्मिक दमन से उबरे लोगों के समूह में शामिल थीं जिन्होंने विदेश मंत्रालय की एक बड़ी बैठक से इतर ओवल ऑफिस में ट्रंप से मुलाकात की। उन्होंने जब ट्रंप को बताया कि कैसे उनकी मां और छह भाइयों की हत्या कर दी गई थी तथा 3,000 यजीदी लापता हैं, ट्रंप ने कहा, “और आपको नोबेल पुरस्कार मिला है? यह अद्भुत है। किस कारण से आपको यह मिला?” मुराद ने कुछ पल के लिए सकते में आ गयीं और अपनी पूरी कहानी ट्रंप को बतायी। उन्हें पिछले साल नोबेल पुरस्कार का संयुक्त विजेता घोषित किया गया था। उन्होंने कहा, “मेरे साथ यह सब होने के बाद भी मैंने हार नहीं मानी। मैंने सबको साफ-साफ बताया कि आईएसआईएस ने हजारों यजीदी महिलाओं से बलात्कार किया।’’
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मुराद ने कहा, “कृपया कुछ करें। यह किसी एक परिवार के बारे में नहीं है।” ट्रंप जो इराक एवं सीरिया के कई हिस्सों पर कब्जा जमाए स्वयंभू खलीफा को खदेड़ने का श्रेय लेते रहे हैं, उस वक्त भी कहीं गुम नजर आए जब मुराद ने यजीदियों की सुरक्षित वापसी के लिए उनसे इराकी एवं कुर्दिश सरकारों पर दवाब बनाने को कहा। ट्रंप ने पूछा, “लेकिन आईएसआईएस जा चुका है और अब कुर्दिश और कौन?” मुराद ने यह भी बताया कि यजीदियों ने जर्मनी में सुरक्षा पाने के लिए कैसे खतरनाक मार्गों का सहारा लिया। जर्मनी द्वारा शरणार्थियों का स्वागत करने की ट्रंप आलोचना कर चुके हैं। अमेरिकी नेता उस वक्त भी बेखबर से नजर आए जब उन्होंने रोंहिग्या के एक प्रतिनिधि से मुलाकात की।
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