बांग्लादेश में हिंदू पुजारी की गिरफ्तारी का शेख हसीना ने किया विरोध, तत्काल रिहाई की मांग की
हसीना ने अपने पत्र में लिखा कि सनातन धार्मिक समुदाय के एक शीर्ष नेता को अन्यायपूर्वक गिरफ्तार किया गया है, उन्हें तुरंत रिहा किया जाना चाहिए। चटगांव में एक मंदिर जला दिया गया है।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने गुरुवार को चटगांव में एक वकील की हत्या और बांग्लादेशी हिंदू भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए उनकी रिहाई की मांग की। पुलिस ने कहा कि मंगलवार को सुरक्षा बलों और चिन्मय कृष्ण दास के अनुयायियों के बीच हिंसक झड़प के दौरान एक वकील की मौत हो गई, जिसकी पहचान सहायक लोक अभियोजक सैफुल इस्लाम के रूप में हुई। राजद्रोह के एक मामले में चटगांव अदालत द्वारा दास को जमानत देने से इनकार किए जाने के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया।
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हसीना ने अपने पत्र में लिखा कि सनातन धार्मिक समुदाय के एक शीर्ष नेता को अन्यायपूर्वक गिरफ्तार किया गया है, उन्हें तुरंत रिहा किया जाना चाहिए। चटगांव में एक मंदिर जला दिया गया है। पहले, अहमदिया समुदाय की मस्जिदों, धर्मस्थलों, चर्चों, मठों और घरों पर हमला किया गया, तोड़फोड़ की गई, लूटपाट की गई और आग लगा दी गई। उन्होंने आगे कहा, "सभी समुदायों के लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता और जीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।"
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बांग्लादेश के पूर्व विदेश मंत्री हसन महमूद ने कहा है कि भारत विरोधी बयानबाजी और कट्टरपंथियों एवं आतंकवादी ताकतों को बढ़ावा देना ‘‘परस्पर संबंधित’’ रणनीतियां हैं, जिन्होंने बांग्लादेश को ‘‘पूर्ण अराजकता’’ की ओर धकेल दिया है। उन्होंने मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लेदश की अंतरिम सरकार पर लोकतंत्र को ‘‘भीड़तंत्र’’ में तब्दील करने का आरोप लगाया। बांग्लादेश में छात्र आंदोलन के बाद बिगड़े हालात के बाद अपना देश छोड़कर आए महमूद ने हाल ही में एक अज्ञात स्थान से एक विशेष साक्षात्कार में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति को ‘‘खतरनाक’’ करार दिया।
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